Month January 2022

शहीद दिवस पर श्रद्धांजलि – राकेश सक्सेना

शहीद दिवस पर श्रद्धांजलि – राकेश सक्सेना बापू तुम जब चले गये, पीछे बहुत बवाल हुआ।आजादी के बाद देश में, रह रह कर सवाल हुआ।। हे बापू तुमने क्या किया? हे बापू तुमने क्या किया? सूत काता, चरखा चलाया, खादी…

Happy Republic day

गणतंत्र दिवस – अकिल खान

गणतंत्र दिवस – अकिल खान भारत की शान पर हो जाऊंँ कुर्बान,लब पे सदा रहे भारत का गुणगान।देश के संविधान का एसा हुआ था आरंभ, 26जनवरी1950 को गणतंत्र हुआ प्रारंभ। हिंदुस्तान है वीर पराक्रम योद्धाओं से भरा,देख युद्ध कौशल-साहस दुश्मन…

अमर शहीदों पर कविता – महदीप जँघेल

अमर शहीदों पर कविता – महदीप जँघेल जिसके दम पर खड़ा है भारत,जिसे पूरा राष्ट्र करे सलाम।भारत के ऐसे अमर शहीदों को,हमारा शत् शत् है प्रणाम। आजादी के लिए खून बहाकर,देते वीर देशभक्ति का पैगाम।राष्ट्र के लिए मर मिटने वाले,अमर…

सूरज पर कविता – सुकमोती चौहान “रुचि

सूरज पर कविता – सुकमोती चौहान “रुचि रवि की शाश्वत किरण – सीसरिता की अनवरत धार – सीलेखनी मेरी चलती रहनाजन-जन की वाणी बनकरमधुर संगीत घोलती रहनाउजड़े जीवन की नीरसता में।छा जाना मधुमास बनकरपतझड़ की वीरानी में। तुम्हें करनी है…

बाल कविता सुन्दर वन में – पद्ममुख पंडा

बाल कविता सुन्दर वन में – पद्ममुख पंडा सुन्दर वन में, एक अजब सा खेल हो गया,टिमकु भालू और चमकी बंदरिया का मेल हो गया।आपस में, दोनों को इतना प्यार हो गया,कि, हमेशा एक दूसरे का मदद गार हो गया।…

आधुनिकता की आग – पं. शिवम् शर्मा

आधुनिकता की आग – पं. शिवम् शर्मा जरा सी नई धूप क्या लगी सिनेमा जगत की ,जिस्म की जमी पर !नस्ल की फसल बढ़ भी ना पाई की पक गई !! लिवास छोटे – छोटे और छोटे होते ही चले…

वीर सपूत की दहाड़ – सन्त राम सलाम

वीर सपूत की दहाड़ – सन्त राम सलाम चलते हुए मेरे कदमों को देखकर,जब मुझे पर्वत ने भी ललकारा था।सीना ताने शान से खड़ा हो गया,मैं भी भारत का वीर राज दुलारा था।। मत बताना मुझे अपनी औकात,मैंने पर्वतों के…

भारत के वीर – पंडित अमित कुमार शर्मा

भारत के वीर – पंडित अमित कुमार शर्मा उगा है सूरज जो आज खुशियों कालहर रहा तिरंगा जो भारत काचमक उठी है जो सबके चेहरे परये देन है वीर जवानों का। चलते हैं बर्फ परजब हम अपने बिस्तर में होते…

चूमता तिरंगा आसमान – हरिश्चन्द्र त्रिपाठी

चूमता तिरंगा आसमान – हरिश्चन्द्र त्रिपाठी आन बान शान का ,विधान आज देखिये,हो रहा है देश का ,उत्थान आज देखिये।1। अप्सरा भी स्वर्ग से,उतरने को उतावली,धन्य भरत-भूमि की मुस्कान आज देखिये।2। सप्तरंगी परिधान अम्बर को मोह रहा-चूमता तिरंगा आसमान आज…

सच्चा ज्यूरी – रामनाथ साहू ” ननकी “

सच्चा ज्यूरी – रामनाथ साहू ” ननकी “ दीदार जरूरी है । जगत नियंता प्रिय प्रतिपालक ,मुझसे क्यों दूरी है ।। परम प्रकाशक कण -कण के ,अति अद्भुत नूरी है ।बस आभास करा दो अपना ,अब क्या मगरूरी है ।।…