अमर शहीदों पर कविता – महदीप जँघेल

अमर शहीदों पर कविता – महदीप जँघेल

tiranga


जिसके दम पर खड़ा है भारत,
जिसे पूरा राष्ट्र करे सलाम।
भारत के ऐसे अमर शहीदों को,
हमारा शत् शत् है प्रणाम।

आजादी के लिए खून बहाकर,
देते वीर देशभक्ति का पैगाम।
राष्ट्र के लिए मर मिटने वाले,
अमर शहीदों को सादर प्रणाम।

गुलामी का जंजीर तोड़कर,
किया राष्ट्र धर्म का काम।
वीर सपूतों को जन्म देने वाले,
अमर शहीदों को हमारा प्रणाम।

ये वीर बलिदानी अगर न होते,
न जाने कब तक रहते गुलाम?
मातृभूमि के लिए रक्त समर्पित,
ऐसे वीरों को सादर प्रणाम।

मत भूलना याद शहीदों की,
किया जिन्होंने महान काम।
त्याग और बलिदान की मूरत,
ऐसे अमर शहीदों को प्रणाम।

देश सेवा में घर परिवार छोड़के,
बाजी लगाते है अपनी जान की,
ठंड वर्षा भूख प्यास सहकर,
रक्षा करते देश के सम्मान की।

देश की खातिर जीते और मरते,
इनका सदैव करें सम्मान।
देश प्रेम जिनका धर्म रहा है,
ऐसे अमर शहीदों को शत-शत प्रणाम।

महदीप जँघेल
ग्राम- खमतराई,खैरागढ़
जिला-राजनांदगांव (छ.ग)

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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