अपना-अपना एक सितारा- उपमेंद्र सक्सेना

अपना-अपना एक सितारा इतने तारे आसमान में, उनका क्यों संज्ञान करें अपना-अपना एक सितारा, उसका ही सब ध्यान करें। दुनिया के सब काम आजकल, मतलब से ही चलते हैंभोले -भालों की छाती पर, दुष्ट मूँग अब दलते हैंअपना उल्लू सीधा करने को सब खूब मचलते हैंआस्तीन के साँप यहाँ पर, चुपके-चुपके पलते हैं अब अपनी … Read more