भोर का तारा एक आशावादी कविता

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भोर का तारा पद्ममुख पंडा के द्वारा रचित आशावादी कविता है जिसमें उन्होंने प्रकृति का बेहद सुंदर ढंग से वर्णन किया है। साथ में यह भी बताया है कि किस तरह से रात्रि के बाद दिवस हो रहा है अभिप्राय दुख के बाद सुख का आगमन हो रहा है। भोर का तारा. एक आशावादी कविता … Read more

अखिल विश्व के राम / सुशील शर्मा

Jai Sri Ram kavitabahar

राम प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है क्योंकि उन्होंने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता तक का त्याग किया राम राष्ट्र की जीवन धारा नवगीतसुशील शर्मा अखिल विश्व के राम / सुशील शर्मा राम राष्ट्र की जीवन धाराअखिल विश्व के राम हैं।जन जन के हृदयों में बसतेराम प्रेम के धाम हैं। जीवन की सुरभित … Read more

जन-जन के प्रिय राम / हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’

Jai Sri Ram kavitabahar

 उनकी प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है क्योंकि उन्होंने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता तक का त्याग किया जन-जन के प्रिय राम / हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’ नित सुबह, दोपहर,शाम,तुम्हें ध्याऊॅ आठों याम।हे जन-जन के प्रिय राम-स्वीकारो मेरा प्रणाम।टेक। क्षिति-जल-अम्बर तुम ही तुम हो,सृष्टि-अनश्वर तुम ही तुम हो,तुमसे ही गतिमान धरा है-सौम्य,भयंकर तुम ही … Read more

जीवन भर का संचित धन हिंदी कविता

जीवन भर का संचित धन हिंदी कविता सांध्य परिदर्शन गृह का पृष्ठ भाग उपवन है,तरु, लता, वनस्पति सघन है,मेरी यह दिनचर्या में शामिल,जीवन भर का संचित धन है! प्रातः पांच बजे उठकर जब,इधर उधर नज़रें दौड़ाता,मेरा गांव , वहां का जीवन,सहसा याद मुझे अा जाता! मेरे पिता माता को उर में,सजा रखा है, ज्योति जगा … Read more

रानी दुर्गावती पर कविता

रानी दुर्गावती पर कविता- भारत में जब भी महिलाओं के सशक्तिकरण की बात होती है तो महान वीरांगना रानी दुर्गावती की चर्चा ज़रूर होती है। रानी रानी दुर्गावती न सिर्फ़ एक महान नाम है बल्कि वह एक आदर्श हैं उन सभी महिलाओं के लिए जो खुद को बहादुर मानती हैं रानी दुर्गावती पर कविता जब दुर्गावती रण … Read more