मौत पर कविता

मौत पर कविता जिस दिन पैदा हुआउसी दिनलिख दिया गया थातेरे माथे पर मेरा नाम ।दिन, तिथि ,जगह सब तय थाउसी दिन।हर कदम बढ़ रहा था तेरामेरी तरफ।पल पल ,हर पल ।।तेरी निश्छल हँसीतेरा प्यारा बचपन देखकरतरस आता था मगरसत्य से दूरतू भागता ही गयाज्यों ज्यों तू करीब आ रहा था मेरेतेरी निश्छल हँसी को … Read more

अनेकों भाव हिय मेरे

अनेकों भाव हिय मेरे अनेकों भाव मन मेरे, सदा से ही मचलते हैं।उठाता हूँ कलम जब भी, तभी ये गीत ढलते हैं।पिरोये भाव कर गुम्फित, बनी है गीत की मालाकई अहसास सुख-दुख के, करीने से सजा डाला।समेटे बिंब खुशियों के, सुरों में यत्न कर ढाला।सुहाने भाव अंतस में, मचलते अरु पनपते हैं।1अनेकों भाव हिय मेरे… … Read more

तुमने पत्थर जो मारा

तुमने पत्थर जो मारा चलो तुमने पत्थर जो मारा वो ठीक था।पर लहर जो क्षरण करती उसका क्या? पीर छूपाये फिरता है खलल बनकर तू,विराने में आह्ह गुनगुनाये उसका क्या? बेकार…कहना था तो नज़र ताने क्यों?गौर मुझ पे टकटकी लगाए उसका क्या? मेरी इज्जत…,मेरी आबरू क्या कम है?तो जो खुलकर बोली लगाए उसका क्या? मै … Read more

वतन को नमन करता हूँ

वतन को नमन करता हूँ भारत माँ की चरण धूलि,चंदन माथे धरता हूँ ।सपूत हूँ नाम वतन के ,जीवन अर्पण करता हूँ । बहता शोणित यूँ रगों में,जलते अंगारों सासिंधु प्रलय सा उठती लहरें,उर में ललकारों कासिंहनाद हूँकारें भरकर,शत्रुओं से नित लड़ता हूँ। माँ की कोख निहाल होतीमाटी का कर्ज चुकाता हूँअस्मिता की रक्षा खातिरप्राणोत्सर्जन … Read more

नव सुर-दात्री

नव सुर-दात्री,नव लय-दात्रीनव – गान मयी,नव तान – मयी।        देवी मैं हूँ  अति अज्ञानी       नहीं है जग में   तुमसा  दानी        माँ! दान दो नव अक्षरो  का       माँ दान दो नवलय  स्वरो का जग- सृष्टा की मानस – कन्याबुद्धि दाता  न तुझसी अन्या।।          शारदे! वागेश-  वीणा – धारणी          भारती! भारत- सुतों की तारणी          नव … Read more