भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा जैसे शिष्य देश को मिले।
डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने गुरु की गरिमा को तब शीर्षस्थ स्थान सौंपा जब वे भारत जैसे महान् राष्ट्र के राष्ट्रपति बने। उनका जन्म दिवस ही शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
शिक्षक के महत्व पर कविता
सपनों को सच होने दो ,
जीवन को मत रोने दो ,
जीवन है बहुमूल्य हीरा ,
जीवन को जग से जीने दो ,
सपनों को सच होने दो तुम !
रह ना जाए कोई बेकार ,
जीवन को मत भूलने दो ,
जीवन है फूलों का हार ,
जीवन को जग जितने दो ,
सपनों को सच होने दो तुम !
प्यार के चक्कर मे पडोगे तो ,
मोबाइल मे रहोगे तुम ,
जीवन दो पल की चीज है ,
इस पल को बर्बाद करोगे तुम ,
सपनों को सच होने दो तुम !
जीवन मे ऐसा करो तुम ,
तुम्हारे पीछे पूरी जहाँ घूमे ,
ना किसी के प्यार के चक्कर मे पड़ो तुम ,
ऐसा करो की तुम्हारे चक्कर मे दुनिया पड़े ,
सपनों को सच होने दो तुम !
कॉल करके रास्ते मे बुलाती हो ,
मिलने के बहाने पढ़ने जाती हो ,
अभी तक तुम ना सम्भलोगी तो तुम ,
तुम्हारी दुनिया नर्क बन जाएगी एक दिन ,
सपनों को सच होने दो तुम !
शिक्षक तुम्हें ज्ञान सिखलाते ,
कभी ना तुमको गलत राह दिखलाते ,
तुम शिक्षकों का आदर करोगी तो ,
प्रेम का चक्कर छोड़ पुस्तकों से प्रेम करोगी तुम ,
सपनों को सच होने दो तुम !
अभी भी समय है तुम्हारे पास ,
पढ़ाई से प्रेम करोगी तुम ,
जीवन मे शिक्षकों को आदर करोगी तो ,
प्रेम से भी ज्यादा खुश रहोगी तुम ,
सपनों को सच होने दो तुम !
सभलना है तो संभल जाओ ,
अभी भी समय है छात्रों ,
नर्क से बच सकतें हो तुम ,
जीवन मे खुशियाँ चाहों तो ,
सपनों को सच होने दो !
शिक्षक के कहें पथ पे चलो तुम ,
सारी खुशियाँ तुम्हें मिलेगी ,
सारा जहाँ तुम्हारे पीछे-पीछे घूमेगा ,
ऐसा जीवन जियो तुम तुम !