मोर छत्तीसगढ़ महतारी

मोर छत्तीसगढ़ महतारी

मोर छत्तीसगढ़ महतारी,
तोर अलग हे चिनहारी!
देवता धामी ऋषि मुनि मन,
तप करीन इहाँ भारी!!

आनी बानी के रतन भरे हे ,
इहाँ के पावन माटी म !
मया पिरती बढ़त रहिथे ,
गिल्ली डंडा अऊ बांटी म !!
नांगमुरी करधनिया संग म ,
दाई गोड़ म पहिरे सांटी …..

भिलाई कोरबा बैलाडीला म,
बड़़े – बड़े कारखाना हे !
कटकट – कटकट डोंगरी दिखे,
महानदी गावए गाना हे !!
मैना कोयली के गूरतूर बोली ,
मंजूर ठूमके इहाँ भारी……

बिकट बिटामिन भरे हावे,
रतिहा के बोरे बासी म !
सोना बरोबर धान दिखत हे ,
धनहा खेत मटासी म !!
महर- महर ममहावत हावे
चंदन पबरीत माटी……

भोरमदेव माँ बमलाई,
शिवरीनरायन धाम हे !
राजिमलोचन दंतेश्वरी,
गिरोधपुरी पावन धाम हे !!
दूजराम तोर गुन ल गावए …
किरपा कर महतारी

दूजराम साहू  “अनन्य “
निवास- भरदाकला
तहसील -खैरागढ़
जिला -राजनांदगाँव (छ ग)

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