मां विषय पर दोहे – रामेश्वर प्रसाद’करुण’दौसा

*विषय*- *माँ*
(मई के दूसरे रविवार)
(मातृ दिवस)

*छंद*- *दोहा*

मातृपितृ पूजा दिवस भारत देश त्योहारों का देश है भारत में गणेश उत्सव, होली, दिवाली, दशहरा, जन्माष्टमी, नवदुर्गा त्योहार मनाये जाते हैं। कुछ वर्षों पूर्व मातृ पितृ पूजा दिवस प्रकाश में आया। आज यह 14 फरवरी को देश विदेश में मनाया जाता है। छत्तीसगढ़ में रमन सरकार द्वारा प्रदेश भर में आधिकारिक रूप से मनाया जाता है

mother their kids
माँ पर कविता

मां विषय पर दोहे


(1)
*हमे सुलाए सूख में*,मां गीले में सोय।
उसके इस उपकार का,मोल नही है कोय।

(2)
*माँ से अच्छा कौन है*,दुनिया में सरताज।
*सुंदरता में मंद है*,उससे भी मुमताज।।

(3)
दुनिया में निर्माण की, माता ही है मूल।
कृपा होय तो दूर हों, सकल जगत के शूल।

(4)
नहीं मातु बिन होत है, दुनिया का कल्याण।
चरणों मे सिर जा पड़े,सबका हो कल्याण।

©✍️रामेश्वर प्रसाद’करुण’,दौसा

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