योग दिवस पर प्रियांशी मिश्रा की कविता

योग दिवस पर प्रियांशी मिश्रा की कविता

योग को अपनाना है।
रोगों को दूर भगाना है।
बाबाजी का ये कहना है।
व्यायाम रोज ही करना है।

योग,अध्यात्म है एक विज्ञान ।
हजारों बीमारी से करें रोकथाम ।
इनसे ही लोगों का कल्याण।
बिन योग जीवन है श्मसान ।

योग की विशेषता सबको बतानी है,
योग से नहीं होनी कोई परेशानी है।
योग से ही ना बीपी और ना शुगर ।
योग अपना लो करो ना अगर-मगर।

इक्कीस जून है, अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस ।
योग कर, रोग मानेगा हार होकर विवश।

✍️
प्रियांशी मिश्रा

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