बिटिया की शादी कर दूँगा
गीत (१६,१६)
अब के सब कर्जे भर दूँगा,
बिटिया की शादी कर दूँगा।।
खेत बीज कर करी जुताई,
अब तो होगी बहुत कमाई।
शहर भेजना, सुत को पढ़ने।
भावि जीवनी उसकी गढ़ने।
गिरवी घर भी छुड़वा लूँगा,
बिटिया की शादी कर दूँगा।।
फसल बिकेगी,चारा होगा,
दुख हमने तो सारा भोगा।
अब वे संकट नहीं रहेंगे,
सहा खूब,अब नहीं सहेंगे।
दो भैंस दुधारू ला दूँगा,
बिटिया की शादी कर दूँगा।।
पका, बाजरा खूब बिकेगा,
छाछ मिलेगी, दूध बिकेगा।
घर खर्चो में रख तंगाई ।
घर वर देखूँ, करूँ सगाई।
फिर कमरा भी बनवा लूँगा,
बिटिया की शादी कर दूँगा।।
आस दिवाली मौज मनाऊँ,
सबको ही कपड़े दिलवाऊँ।
फसल पकेगी खूब निरोगी।
मौसम आए नहीं कुयोगी।
गृहिणी को झुमके ला दूँगा,
बिटिया की शादी कर दूँगा।।
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बाबू लाल शर्मा “बौहरा”, विज्ञ