क्या भला रह जायेगा

इस ग़ज़ल के माध्यम से संसार की भंगुरता और अस्थिरता की बात की जा रही है।अपने कर्तव्ययों का निष्ठापूर्वक निर्वहण करके गीता के आप्त वचनों को अंगीकार करने एवं सवेदनशील रहने की बात की गई है।

क्या भला रह जायेगा

hindi gajal
hindi gazal || हिंदी ग़ज़ल

वो परिंदा, ये परिंदा, सब छला रह जायेगा
क्या बचा था,क्या बचा है,क्या भला रह जायेगा | १ |

एक दिन सारे ईमानों धर्म को भी बेचकर,
आदमी अंदर से केवल खोखला रह जायेगा । २।

आज का कोमल कमल जो खिल रहा है झील में,
कौन जाने कल को केवल अधखिला रह जायेगा।३।

वक्त के शायद किसी नाजुक गली या मोड़ पर,
हर कोई बस जिंदगी में एकला रह जायेगा।४।

स्मारकें बनकर कोई जो दिख रही ऊँची महल,
बाद में स्मृति चिन्ह वो भी धुंधला रह जायेगा ॥५॥

मानवों के हाथ की केवल कमाई कर्म है
अंत ईश्वर हाथ सारा फ़ैसला रह जायेगा।६।

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