आगे आगे तीजा तिहार आगे – मनीभाई नवरत्न
ऐ दीदी ओ, ऐ बहिनी ओ।
आगे आगे तीजा तिहार आगे।।
सावन भादों सुख के देवय्या।
झमाझम बादर चले पुरवय्या।।
डारा पाना ह सबो हरियागे।
आगे आगे तीजा तिहार आगे।।
झूलेना बने हे सुग्घर पटनी।
धरे रहव जी दवरा के गठनी।
ठेठरी खुरमी अउ खारा कटनी।
भजिया सुहाथे लहसून के चटनी।
नोनी बाबू ऐदे खाये झपागे।
आगे आगे तीजा तिहार आगे।।
सवनाही गीत गाथे सहेली।
ताली बजा के ,पुछे पहेली।
कोधार कोधार के पूछत हे।
उत्तर मोला नइ सुझत हे।
धनी के सूरता म ऐदे बुधि गंवागे।
आगे आगे तीजा तिहार आगे।।
हाथ रचे बर मेंहदी पीसागे।
तीजा लय बर लुगरा बिसागे।
सुग्घर सुग्घर पोरा के बैइला
बेचाय बर देखव जल्दी लेसागे।
धानी चुनरिया ओढ़े भुंइया मन मोहागे।
आगे आगे तीजा तिहार आगे।।
मनीभाई नवरत्न बसना महासमुंद छत्तीसगढ़