यहां विश्व आदिवासी दिवस पर एक कविता प्रस्तुत है:
आदिवासी गाथा
जंगलों की गोद में बसा,
एक अद्भुत संसार है।
संस्कृति जिसकी अनोखी,
वह आदिवासी परिवार है।
धरती से गहरा नाता,
और पेड़ों से प्यार है।
पर्वतों की ऊंचाई में बसी ,
उनका विशाल संसार है।
त्योहारों की रंगीन छटा,
और नृत्य की बात निराली।
गीतों में छुपा है जीवन,
कहानी उनकी कभी न खाली।
संघर्षों का चढ़ा पहाड़,
पर हिम्मत नहीं हारी।
संभाला अपनी धरोहर को,
है गौरवशाली संस्कृति प्यारी ।
हक के लिए लड़ा है जो ,
आवाज नहीं झुका है ।
एकता की शक्ति से वो ,
नया आसमां जा पहुंचा है ।
संस्कृति का यह उत्सव मनाएं,
आओ मिलकर हाथ बढ़ाएं।
आदिवासी जन के साथ,
हम सब एक नई राह बनाएं।
मनीभाई नवरत्न
यह कविता आदिवासी समुदाय की संस्कृति, संघर्ष और धरोहर को सम्मानित करने के लिए है।
अच्छी कविता-बधाई।