मनीभाई नवरत्न के भक्ति गीत
भक्ति है जिनके रगों में
भक्ति है जिनके रगों में, आये तेरे दर पे।
आशीष दे ओ मंइया …..छाया दे नजर पे।
माँ की ज्योति जले जिस घर
गम का अंधियारा दूर हो ।
कष्ट संकट दूर हो, कोई ना मजबूर हो।
सुख शांति फले फूले ।
तू चाहे तो सब मंजूर हो।
कष्ट संकट दूर हो, कोई ना मजबूर हो।
बड़ी शक्ति है माँ तेरी आँखों में।।
बिगड़ी बना दे मां तेरी हाथों में।।
जग में पावन तेरा नाम… ओ मंइया
तेरा नाम बसे अब तो जयकारो में।
जिसने मांगी तेरी भक्ति
चेहरे में चमक और नैनों में नूर हो।
कष्ट संकट दूर हो, कोई ना मजबूर हो।
तेरी भक्ति है मां, मेरी सांसों में ।
मैंने दिन बिताये मां उपवासों में।
हाथों में लिये पूजा थाल …ओ मंइया
रात गुजारे मैंने तेरे जगरातों में।
जिसने मांगी तुझे सद्भाव से
उनकी मनोकामना पूरी जरूर हो।
कष्ट संकट दूर हो, कोई ना मजबूर हो।
✍मनीभाई”नवरत्न”