मानव जीवन पर कविता – सुधा शर्मा

मानव जीवन मिल पाता है कभी कभी – सुधा शर्मा

पिता
kavita bahar

जीवन में ऐसा भी वक्त आता है कभी कभी
कोई भीड़ में तन्हा हो जाता है कभी कभी

सपनों के घरौंदे सारे बिखर जाते हैं
स्मृतियों का इक महल बन जाता है कभी कभी

कौन कहता है पीड़ाएं तोड़ती  हैं सदा
तन्हाई में दर्द दवा बन जाता है कभी-कभी

जिंदगी बस संघर्षों का पर्याय है साथी
प्रेरणा बन जीवन मेंआता है कभी-कभी

ना भूलो इंसान होकर कभी कर्म अपना
मानव जीवन मिल पाता है कभी कभी

सुधा शर्मा

राजिम छत्तीसगढ़

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *