हनुमत वंदना
राम नाम जाप कर, चित्त निज साफ कर,
पवनसुत ध्यान धर,प्रभु को पुकारिये।
भेद भाव भूल कर, क्रोध अहं नाश कर,
बजरंगी शरण जा, जीवन सुधारिये।।
राम भक्त हनुमान, करें नित्य गुणगान
मंगल को पूज कर, जीवन सँवारिये।
लाल देह सर्व प्रिय,सियाराम बसें हिय
लडुअन के भोग हों, आरती उतारिये।
प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा, 25 फरवरी 2020