अपना प्यारा बीटीआई

अपना प्यारा बीटीआई
झूमते गाते मौज मनाते
एक दूजे को खूब हंसाते
सबके दिलों में थी
प्यार की गहराई
आई याद आई अपना प्यारा बीटीआई

मन तड़प चला था
जब यार बिछड़ चला था
आज फिर से खिल उठा हूं
अपना दिल धड़क चला था
जब से यह ग्रुप बना
मिटने लगी तन्हाई
आई याद आई अपना प्यारा बीटीआई

यादें ताजा हो गई
मन की नाराजगी खो गई
हार चुके थे जो दांव
वह जीती बाजी हो गई
जब से यह ग्रुप बना
दोस्तों की यादें ही छाई
आई याद आई अपना प्यारा बी टी आई

दिवस आधारित कविता