Jai Sri Ram kavitabahar

जननायक राम / श्रीमती ज्योत्स्ना मीणा

श्री रामनवमी के अवसर पर यह रचना मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के प्रति जन जन की आस्था को समर्पित है। रचना विधा - कविता शीर्षक - जननायक राम रचयिता - श्रीमती ज्योत्स्ना मीणा

आज जिंदगी बेमानी हो गई है – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस कविता में वर्तमान सामाजिक परिदृश्य को समाहित किया गया है | आज जिंदगी बेमानी हो गई है - कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"

हर एक दिन को नए वर्ष की – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस कविता में जीवन के हर एक क्षण को नव वर्ष की तरह उत्सव के रूप में मनाने पर जोर दिया गया है | हर एक दिन को नए वर्ष की - कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"

धरती माँ तुम पावन थीं – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस कविता में धरती की पावनता को बनाए रखने के लिए प्रेरित करने का एक प्रयास किया गया है | धरती माँ तुम पावन थीं - कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"

गणेश वंदना – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस रचना में गणेश जी की वंदना की गयी है | गणेश वंदना - कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"

कोरा कागज़ – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस रचना में कवि असमंजस की स्थिति में है | उसे विषय ही नहीं सूझ रहा जिस पर वह अपने विचारों को अपनी कलम के माध्यम से साकार कर सके | कोरा कागज़ - कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"