जीवन का ये सत्य है , मिलन बिदाई संग

जीवन का ये सत्य है , मिलन बिदाई संग शब्द बिदाई सुन लगे , होता कोई दूर ।अपने हमसे छूटते , होकर अति मजबूर ।।मात पिता का नेह ले ,…

फिर कहते हो ये खराब थी

फिर कहते हो ये खराब थी मोबाइल दिया, आया बनाया, खाना खिलाया होटल में; इंटरनेट पर पहली पीढ़ी सवार थी, फिर कहते हो पीढ़ी खराब थी। बाहें चढ़ाई, दुपहिया दौड़ाया,…
हाइकु

शीत/ठंड पर हाइकु

शीत/ठंड पर हाइकु [1]शीत प्रदेशबरस रही चाँदीधूप बीमार । [2]शीत लहरकँपकपाते होंठहँसे धुनियाँ । [3]बैरन शीतप्रीतम परदेशखुशियाँ सुन्न । [4]मुस्काती धुँधसूरज असहायजीवन ठप्प । [5]ठण्ड में धूपदेती गरमाहटज्यों माँ की…

महामारी से भी मिला उपहार-समय के सदुपयोग की कला और जीवन शैली में सुधार।

महामारी से भी मिला उपहार-समय के सदुपयोग की कला और जीवन शैली में सुधार। कोरोना जैसी महामारी फैली,बदल गई, जीवन की शैली।।समय का इसने सदुपयोग सिखाया,जीने का नया ढंग समसाझा।…

जाने कैसी बात चली है

जाने कैसी बात चली है जाने कैसी बात चली है।सहमी-सहमी बाग़ कली है।। जिन्दा होती तो आ जातीशायद बुलबुल आग जली है। दुख का सूरज पीड़ा तोड़ेसुख की मीठी रात…
जय जवान जय किसान

हे मेहनतकशों इन्हें पहचान /राजकुमार मसखरे

हे मेहनतकशों इन्हें पहचान /राजकुमार मसखरे कितने राजनेताओं के सुपुत्रसरहद में जाने बना जवान !कितने नेता हैं करते किसानीये सुन तुम न होना हैरान !बस फेकने, हाँकने में माहिरजनता को…

सपना हुआ न अपना

सपना हुआ न अपना बचपन में जो सपने देखे, हो न सके वो पूरे,मन को समझाया, देखा कि, सबके रहे अधूरे!उडूं गगन में पंछी बनकर, चहकूं वन कानन में,गीत सुरीले…

प्रेम में पागल हो गया

प्रेम में पागल हो गया रूप देख मन हुआ प्रभावित,हृदय घायल हो गया।सुंदरी क्या कहूं मैं,तेरे प्रेम में पागल हो गया। भूल गया स्वयं को,नयनों में बसी छवि तेरी।हृदयाकांक्षा एक…

संस्कार नही मिलता दुकानों में-परमानंद निषाद “प्रिय”

संस्कार नही मिलता दुकानों में - परमानंद निषाद "प्रिय" माता-पिता से मिले उपहार।हिंद देश का है यह संस्कार।बुजुर्गो का दर्द समझते नहींनहीं जानते संस्कृति- संस्कार। संस्कार दिये नहीं जाते है।समाज…