प्रात: वन्दन – हरीश बिष्ठ शतदल

morning
पूजा वंदना

प्रात: वन्दन

करे अमंगल को मंगल,
पवनपुत्र हनुमान |
सम्मुख उनके आने से ,
डरें सभी शैतान ||

हृदय बसे सिया-राम जी,
श्रद्धा-भक्ति अपार |
शिवजी के बजरंगबली ,
जग में रूद्र अवतार ||

संकट सारे भक्तों के ,
पल में देते टार |
भजे सिया अरु राम संग़,
यह सारा संसार ||

भक्तों में सर्वश्रेष्ठ हैं ,
राम भक्ति आधार |
श्रीचरणों में हनुमत के ,
नमन करूँ हर बार ||

हरीश बिष्ट “शतदल”
रानीखेत || उत्तराखण्ड

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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