हनुमान जी पर छंद कविता

hanuman hindi poem

हनुमान जी पर छंद कविता सबसे न्यारे, राम दुलारे,सब भक्तों के प्यारे हैं |घर-घर, द्वारे-द्वारे लगते,हनुमत के जयकारे हैं || भक्ति भाव से भक्त पुकारे ,अंतर्मन से माने है |भक्तों में हैं भक्त बड़े प्रभु,सारा जग यह जाने है || हनुमत की लीला इस जग में,मोह सभी को लेती है |भक्ति भाव मन में जागृत … Read more

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तुलसी पूजा पर दोहा – हरीश बिष्ठ

Kavita-bahar-Hindi-doha-sangrah

तुलसी पूजा पर दोहा देवलोक से देवता, करते नित्य प्रणाम |तुलसी का जग में सदा, सबसे ऊँचा नाम || जिस घर में तुलसी रहे, रोग रहें सब दूर |उस घर में आती सदा, खुशहाली भरपूर || तुलसी घर में लाइए, करिये रोज प्रयोग |स्वस्थ रहे तन-मन सदा, दूर रहे सब रोग || तुलसी को पूजें … Read more

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जय जगदम्बे माँ पर कविता

durgamata

दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं। शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं। दुर्गा को आदि शक्ति, परम भगवती परब्रह्म बताया गया है। जय जगदम्बे माँ पर कविता विंध्यवासिनी, पाप नाशनी जय जगदम्बे माँ |हे जग … Read more

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राम-नाम विधा :- चौपाई

jai sri ram

राम-नाम विधा :- चौपाई राम-नाम लगे सबको प्यारा |सबने ही तन-मन में धारा ||राम सभी के पूज्य कहावे |सच्चे मन से सब जन ध्यावे || सबको सद् का मार्ग दिखाते |बीच भँवर से पार लगाते ||प्रभु नाम की जपे जो माला |रहते उन पर सदा कृपाला || छण में दुष्ट ताड़का मारी |छूँ कर शिला … Read more

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प्रात: वन्दन – हरीश बिष्ट

अन्य काव्य शैली

जन-जन  की रक्षा है  करती |भक्तजनों  के दुख भी हरती ||ऊँचे   पर्वत   माँ   का   डेरा |माँ   करती   है  वहीं  बसेरा || भक्त   पुकारे   दौड़ी   आती |दुष्टजनों   को   धूल  चटाती ||भक्तों   की करती  रखवाली |जगजननी  माँ  खप्परवाली || भक्त सभी जयकार लगाते |चरणों में नित शीश नवाते ||मनोकामना    पूरी   करती |खुशियों से माँ झोली भरती || … Read more

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प्रात: वन्दन – हरीश बिष्ठ शतदल

पूजा वंदना

प्रात: वन्दन करे अमंगल को मंगल, पवनपुत्र हनुमान |सम्मुख उनके आने से , डरें सभी शैतान || हृदय बसे सिया-राम जी, श्रद्धा-भक्ति अपार |शिवजी के बजरंगबली , जग में रूद्र अवतार || संकट सारे भक्तों के , पल में देते टार |भजे सिया अरु राम संग़, यह सारा संसार || भक्तों में सर्वश्रेष्ठ हैं , … Read more

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प्रातः वंदना संग्रह

morning

हरिश बिष्ट का प्रातः वंदना हे बजरंगी तेरे द्वारे |हाथ जोड़ सब भक्त पुकारे ||दुष्टों को तुम मार भगाते |भक्त जनों को पार लगाते || सेवा-भाव से सदा समर्पित |प्रभु चरणों में जीवन अर्पित ||भक्ति आपसे सीखे कोई |आप जगाऍं किस्मत सोई || चौपाई छंद मातु-भवानी जय जगदम्बे |विनती सुन लो हे माँ अम्बे ||सुनती … Read more

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