मित्रता पर दोहे – गोपाल ‘सौम्य सरल

यहां पर *गोपाल 'सौम्य सरल' द्वारा रचित सच्ची मित्रता को समर्पित एक रचना प्रस्तुत है।
यहां पर *गोपाल 'सौम्य सरल' द्वारा रचित सच्ची मित्रता को समर्पित एक रचना प्रस्तुत है।
यहां पर आदरणीय मदन सिंह शेखावत द्वारा रचित मेहनत पर दोहे का संकलन किया गया है।
रक्षा बन्धन एक महत्वपूर्ण पर्व है। श्रावण पूर्णिमा के दिन बहनें अपने भाइयों को रक्षा सूत्र बांधती हैं। यह ‘रक्षासूत्र’ मात्र धागे का एक टुकड़ा नहीं होता है, बल्कि इसकी महिमा अपरम्पार होती है। कहा जाता है कि एक बार…
सृष्टि कुमारी की कवितायेँ आज की नारी मैं आज की नारी हूं, इतिहास रचाने वाली हूं,पढ़ जिसे गर्व महसूस करे वो इतिहास बनाने वाली हूं।नारी हूं आज की, खुले आसमान में उड़ना चाहती हूं मैं,बांध अपने जिम्मेदारियों का जुड़ा, अपने…
बछ बारस पर कविता – दोहा छंद बछ बारस सम्मानिए, गौ बछड़े की मात।मिटे पाप संताप तन, दैव प्रमाणित बात।। पावस सावन में मनें, बछ बारस का पर्व।गौ सेवा कर नर मिले, मेवा मंगल गर्व।। भिगो मोठ को लीजिए, उत्तम…