श्रम की कर नित साधना- मेहनत पर दोहे

श्रम की कर नित साधना- मेहनत पर दोहे

यहां पर आदरणीय मदन सिंह शेखावत द्वारा रचित मेहनत पर दोहे का संकलन किया गया है।

hindi doha || हिंदी दोहा
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श्रम की कर नित साधना,जीवन हो आसान।
कठिन परिश्रमकर सदा,तपता सदा किसान।।

श्रम से पाकर लक्ष्य को,करता नित आराम।
सोकर के चाहे जहाॅ , कर लेना विश्राम।।

श्रम से पहुचे हैं शिखर,करता नित संघर्ष।
बाधाए आती बहुत , जीवन जीना हर्ष।।

स्वेद बहा श्रमकर सखे,रखना मंगल भाव।
जीवन मे आनन्द हो , त्याग सभी दुर्भाव।।

मिले तभी तो सफलता, श्रम करना स्वीकार।
श्रम बिन जीवन व्यर्थ हैं ,सधतें लक्ष्य हजार।।

सुखमय जीवन हो सखा,श्रम से नाता जोङ।
यही रहें नित धारणा ,आलस करना छोङ।।

मदन सिंह शेखावत ढोढसर

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