तुम गुलाब मैं तेरी पंखुरी – उमा विश्वकर्मा
तुम गुलाब मैं तेरी पंखुरी – उमा विश्वकर्मा तुम गुलाब, मैं तेरी पंखुरी तुम सुगंध, मैं हूँ सौन्दर्य |तुझमें है लालित्य समाया मुझमें रचा-बसा माधुर्य | सारा जग, तुमसे सुरभित हैतुमसे ही, लावण्य उदित है तुम ही देव चरण में…