हे मेहनतकशों इन्हें पहचान /राजकुमार मसखरे
कितने राजनेताओं के सुपुत्र
सरहद में जाने बना जवान !
कितने नेता हैं करते किसानी
ये सुन तुम न होना हैरान !
बस फेकने, हाँकने में माहिर
जनता को भिड़ाने में महान !
भाषण में राशन देने वाले
यही तो है असली शैतान !
किसान के ही अधिकतर बेटे
सुरक्षा में लगे हैं बंदूक तान !
और खेतों में हैअन्न उपजाता
कंधे में हल है इनकी शान !
इन नेता जी के बेटों को देखो
कई के ठेके,कीमती खदान !
संगठन में हैं कितने काबिज़
रंगदारी के हैं लाखों स्थान !
बस ये नारा लगाते हैं फिरते
जय जवान , जय किसान !
किसान, मजदूर, जवान ही तो
ये ही हैं धरती के भगवान !
कुर्सी के लिए लड़ने वालों को
हे मेहनतकशों !इन्हें पहचान!
— *राजकुमार मसखरे*