डाँ. आदेश कमार पंकज के दोहे

डाँ. आदेश कमार पंकज के दोहे पाई पाई जोड़ के बना खूब धनवान । संस्कार नहीं जानता कैसा तू नादान ।। करता लूट खसोट है वा रे वा इन्सान । लालच में है घूमता बिगड़ गई सन्तान ।। क्यों तू लालच कर रहा करता फिरता पाप । सोने सा अनमोल तन बना रहा अभिशाप ।। … Read more

17 मई विश्व दूरसंचार दिवस के अवसर पर एक कविता

विश्व दूरसंचार दिवस १७ मई को मनाया जाता है। यह दिन 17 मई 1865 को अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ की स्थापना की स्मृति में विश्व दूरसंचार दिवस के रूप में जाना जाता था। वर्ष1973 में मैलेगा-टोर्रीमोलिनोन्स में एक सम्मेलन के दौरान इसे घोषित किया गया। इस दिन का मुख्य उद्देश्य इंटरनेट और नई प्रौद्योगिकियों द्वारा लाया गया सामाजिक परिवर्तनों की … Read more

मानव समानता पर कविता

मानव समानता पर कविता हम मानव मानव एक समान।हम सब मानव की संतान ।धर्म-कर्म भाषा भूषा से ,हमको ना किञ्चित् अभिमान ।हिंदू की जैसे वेद पुराण ।बस वैसे ही बाइबल और कुरान ।सब में छुपी हुई है एक ही ज्ञान।सभी बनाती है मनुष्य को महान।छोड़ दो करना लहूलुहान ।मानवता धर्म की कर पहचान ।धर्म जाति … Read more

शादी से पहले

शादी से पहले मैं जीना चाहता थाएकांत जीवन प्रकृति के सानिध्य में।पर न जाने कब उलझासेवा सत्कार आतिथ्य में ।अनचाहे  विरासत में मिलीदुनियादारी की बागडोर ।धीरे-धीरे जकड़ रही हैमुझे बिना किए शोर।कभी तौला नहीं थाअपना वजूद समाज के पलड़ों में ।अब जरूरी जान पड़ताकि पड़ूँ दुनियादारी के लफड़ों में ।सुख चैन मिलता सहजशादी से पहले … Read more

आओ स्कूल चलें हम

आओ स्कूल चलें हम आओ स्कूल चलें हम,स्कूल में खुब पढ़ें हम।जब तक सांसे चले,तब तक ना रुके कदम । पढ़ लिख के बन जाएं नेहरू।खुले गगन में उड़ेगें बन पखेरू।गाता रहे हमारी सांसो की सरगम।जैसे परी रानी की पायल की छम छम।आओ स्कूल चले हम …. आज इरादे हैं हमारे कच्चेकल पढ़कर हो जाएंगे … Read more