निशा गई दे करके ज्योति
निशा गई दे करके ज्योति निशा गई दे करके ज्योति,नये दिवस की नयी हलचल!उठ जा साथी नींद छोड़कर,बीत न जाये ये जगमग पल!!भोर-किरन की हवा है चलती,स्वस्थ रहे हाथ और पैर!!लाख रूपये की दवा एक हीसुबह शाम की मीठी सैर!!अधरों पर मुस्कान सजाकर!!नयन लक्ष्य पर हो अपना!!पंछी बन जा छू ले अम्बररात को देखा जो … Read more