कमाए धोती वाला खाए टोपी वाला
तेरी व्यथा,तेरी कथा,समझे ना ये दुनिया।
लूटा तुझे अमीरों ने, पकड़ा दिया झुनझुनिया ।
तूने आग में चलके ,पड़ाया रे पांव में छाला ।
कमाए धोती वाला ,खाए टोपी वाला ।।1।।
खड़े किए ,तूने सैकड़ों मंजिल ।
फिर भी निडर तेरा ,दहला ना दिल ।
तेरे खुन काम से हाथों में ,जब बह आए ।
जालिम लोगों ने समझा, तू है कातिल ।
तेरे सपनों पर ,तेरे अपनों पर, लग गया ताला।
कमाए धोती वाला, खाए टोपी वाला ।।2।।
जोड़ें तूने रेशा-रेशा ,
बुनने की तेरी सुंदर पेशा।
दुनिया के लिए कपड़ा बनाया,
फिर भी बदन तेरी खुला कैसा।
तेरे नाम पे ,तेरे काम पे,पड़ गया रे जाला ।
कमाए धोती वाला, खाए टोपी वाला।।3।।
मनीभाई नवरत्न