कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

राम को माने राम का नही/राजकुमार ‘मसखरे’

Jai Sri Ram kavitabahar

राम को माने,राम का नही (राम की प्रकृति पूजा) ओ मेरे प्रभु वनवासी रामआ जाओ अपनी धराधाम,चौदह वर्ष तक पितृवचन मेंवन-वन विचरे बिना विराम! निषाद राज गंगा पार करायेकंदमूल खाकर सरिता नहाए,असुरों को राम ख़ूब संहारेऋषिमुनियों को जो थे सताए…

माँ मै आ गया हूँ / कमल कुमार सिंह

mother their kids

माँ मै आ गया हूँ /कमल कुमार सिंह माँ अस्पताल के बिस्तर पर पड़ी हैना सुन सकती है न बोल सकती है देख कर भी कुछ कह नही सकती काले अंधेर दुनिया मे गुम हो चुकी हैउम्मीद की किरण अब…

रूख राई हे खास/ डॉ विजय कुमार कन्नौजे

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रूख राई हे खास/ डॉ विजय कुमार कन्नौजे जंगल झाड़ी अउ रूख राईप्राणी जगत के संगवारी हे।काटथे‌ फिटथे जउन संगीओ अंधरा मुरूख अज्ञानी हे। अपने हाथ अउ अपने गोड़मारत हवय जी टंगिया।अपन हाथ मा घाव करयबेबस हवय बनरझिया।। पेट ब्याकुल…

हसदेव जंगल पर कविता

hasdev jangal

हसदेव जंगल पर कविता हसदेव जंगल उजार के रोगहा मन पाप कमा के मरही।बाहिर के मनखे लान केमोर छत्तीसगढ़ म भरही।। कभु सौत बेटा अपन नी होवय,सब झन अइसन कइथे।सौत भल फेर सौत बेटा नहीसौतिया डाह हर रइथे।। हसदेव जंगल…

सतनाम पर कविता

सत के रद्दा बताये गुरूसही मारग दिखाये।सहीं मारग बतायें गुरू जय‌‌‌तखाम ल गड़ाये।। चंदा सुरूज ल चिनहायेगुरु,जोड़ा खाम ल गड़ायेविजय पताका ल फहरायेसाहेब, सतनाम ल बताये।। तोरे चरनकुंड के महिमासाहेब, जन-जन ल बताये। सादा के धजा बबा,सादा तिलक तोर माथे…