Author: कविता बहार

  • शाकाहार सर्वोत्तम आहार/ किरीत कुमार साव

    शाकाहार सर्वोत्तम आहार/ किरीत कुमार साव

    शाकाहार सर्वोत्तम आहार/ किरीत कुमार साव

    शाकाहार है सर्वोत्तम आहार,
    इसमें न कीजिए संशय विचार।।
    स्वच्छ तन – मन एवं पर्यावरण,
    निरोगी जीवन का यही है सार।।
    शाकाहार भोजन करते रहने से,
    कभी न बढ़ता शरीर का भार।।
    शाक सब्जी शुद्ध खाने से भी,
    नहीं पड़ती कभी खर्च की मार।।
    यूं न भक्षक बनते जाओ मानव,
    सुनो निरीह जीवों की पुकार ।।
    शुद्ध शाकाहार भोजन खाओ,
    अपने जीवन को शुद्ध बनाओ।।
    शाकाहार है सर्वोत्तम आहार,
    इसमें न कीजिए संशय विचार।।
    ………………………………..
    किरीत कुमार साव
    ग्राम – कुरमापाली,
    पोस्ट – कोतरा,
    जिला – रायगढ़ (छ.ग.)

  • दुनिया में शाकाहार/ गोरधनसिंह सोढा

    दुनिया में शाकाहार/ गोरधनसिंह सोढा


    दुनिया में शाकाहार/ गोरधनसिंह सोढा


    दुनिया में शाकाहार, सर्वोत्तम आहार है ।
    जिसने अपनाया उसके सुखन बहार है ।।

    जो नहीं अपनाते शाकाहार अय दोस्तों ।
    उनके जीवन पर घातक प्रहार हैै ।।

    इसमें फाईटोकेमीकल्स विटामिन फोलिकएसीड मैगनेशियम फाईबर।
    यह पूर्ण रूप संतुलित आहार है ।।

    इससे रक्तचाप कोलेस्ट्रॉल हृदयरोग का खतरा नहीं ।
    यह करता मेटाबॉलिज्म में सुधार है।।

    शकाहारी भोजन पचने में आसान है।
    कब्ज मस्सा जनक होता मांसाहार है।।

    यह डिप्रेशन को कम करता है ।
    पाक पवित्र किफायती होता शाकाहार है ।।

    मधुमेह के खतरे को कम करता ।
    स्वस्थ त्वचा रखने को तैयार है ।।

    ‘स्ट्रॉक और मोटापे का जोखिम नहीं ।
    जीवन काल बढाने का आधार है ।।

    ‘जहरीला’ इंसां होके जानवर नहीं बने।
    यही तो असल भारतीय संस्कार है ।।

    सर्वाधिकार सुरक्षित –
    गोरधनसिंह सोढा ‘जहरीला’
    बाड़मेर राजस्थान

  • सर्वोत्तम शाकाहार/ सोनाली भारती

    सर्वोत्तम शाकाहार/ सोनाली भारती

    सर्वोत्तम शाकाहार/ सोनाली भारती

    मानव को पता है क्या अपना आहार –
    जीव चेतना से ही क्यों अब भी इतना प्यार!
    नियति विधि से नियंत्रण हेतु संयत होते शिकार,
    संतुलित है इससे पशु पक्षी का संसार।
    रसना के वशीभूत मूक जीवों का संहार?
    क्रूर आस्वादन का हिंसक ये व्यापार।
    मानवता हो मौन;हो जाए शर्मसार!
    भोजन का भाव से जुड़ता है तार,
    जैसा हो आहार;वैसा ही हो आचार।
    पहचान लें,अब तो अपना उचित आहार।।
    प्रकृति में सजे जब इतने सारे उपहार,
    फल फूल,शाक अन्न के छाए विविध प्रकार।
    पोषण से भरपूर,ताजे ताजे शाकाहार।।
    अमृतमयी दुग्ध व संजीवनी रसाहार।
    ऋतुनुरूप भोजन,पकवान के बहु प्रकार।।
    सुंदर,सरस, सर्वग्राह्य शाकाहार।
    वर्जित हो मांसाहार,सजग हो संस्कार।।
    चेतना का परिष्कार,जीवहिंसा का बहिष्कार।।
    पहचानें निश्चित आहार,स्वीकारें शाकाहार।।
    सबसे सुंदर आहार,सर्वोत्तम शाकाहार!!

    सोनाली भारती
    शिक्षिका मध्य विद्यालय बाघमारा,जसीडीह,
    देवघर,झारखंड

  • शाकाहारी व्यंजन रुचिकर/राजेश कुमार शर्मा

    शाकाहारी व्यंजन रुचिकर/राजेश कुमार शर्मा

    शाकाहार सर्वोत्तम आहार
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    स्वस्थ रहै तन – मन हम सबका ,
    बनै सरल व्यवहार है ।
    सर्वोत्तम आहार जगत में ,
    केवल शाकाहार है ।।

    मिला सुखद वरदान ईश का ,
    कुदरत का भण्डार है ।
    कंद – मूल – फल मेवा खाकर ,
    करलो निज उद्धार है ।।

    जैसा भोजन वैसा ही मन ,
    कहते सुजन विचार है ।
    शाकाहारी मनुज जगत में ,
    नही कभी लाचार है ।।

    पौष्टिकता भरपूर समाहित ,
    सदाचार भी साथ है ।
    बौद्धिक क्षमता प्रबल बनाए ,
    दिव्य दमकता माथ है ।।

    भाव मनोहर सात्विक होता ,
    दृढ़ श्रद्धा विश्वास है ।
    करुणा दया क्षमा मृदुभाषी ,
    शुचिता रहती पास है ।।

    शाकाहारी व्यंजन रुचिकर ,
    हरि करते स्वीकार है ।
    धरती मां ने जीव जगत पर ,
    किया परम उपकार है ।।

    ✍ … राजेश कुमार शर्मा
    धौलपुर , राजस्थान
  • शाकाहार सर्वोत्तम आहार / गीता सागर

    शाकाहार सर्वोत्तम आहार / गीता सागर

    शाकाहार सर्वोत्तम आहार–दोहा

    भोजन शाकाहार को, खाते हैं जो लोग।
    जीते लंबी उम्र तक, पाते बदन निरोग ।।

    शाकाहारी जो बने, रहे सदा संतोष।
    स्वच्छ रहे तन मन सदा, शीघ्र न आये रोष।।

    शाकाहारी अन्न के , मिलते लाभ अनेक ।
    जीवन होता सादगी, हो विस्तार विवेक।।

    सादा भोजन उच्च है, कहते संत सुजान।
    महापाप है जीव वध ,लेना तुम संज्ञान।।

    भोजन शाकाहार में ,लगे न कोई पाप।
    वध मत करना जीव का, देते हैं वे श्राप ।।

    लाखों रुपये की दवा,होती शाकाहार।
    लागू करें समाज में, सुखी रहे परिवार।।

    शाकाहारी बन सदा, मानों गीता बात।
    पशु पक्षी से प्रेम कर, न हो जीव आघात ।।

    गीता सागर
    इन्दरपुर, बसना महासमुन्द छ. ग.