शाकाहारी जीवन / देवेंद्र चरण खरे आलोक
शाकाहारी जीवन करें व्यतीत जन्म हुआ मानव का लेकर ,सौम्य प्रकृति आधार।तृण- तृण इसके रग- रग में है,रचता रहता सार।अंग सभी प्रत्यंग सजे हैं,सात्विक शक्ति शरीर,मन का मनका प्रस्तुत करता ,मन ही मन आभार। है विकास के पथ पर चलता,रज कण लिए शरीर।मज्जा रक्त अस्थियां पोषण,पाने हेतु अधीर।हारमोन है घ्रेलिन नामक, बढे़ भूख आहार,सम्यक नींद … Read more