by कविता बहार | Nov 7, 2023 | दिन विशेष कविता
बापू पर कविता भारत ने थी पहन ली, गुलामियत जंजीर।थी अंग्रेज़ी क्रूरता, मरे वतन के वीर।।काले पानी की सजा, फाँसी हाँसी खेल।गोली गाली बरसते, भर देते थे जेल।।याद करे जब देश वह, जलियाँवाला... by कविता बहार | Nov 7, 2023 | Uncategorized
वाणी वन्दना निर्मल करके तन_ मन सारा, सकल विकार मिटा दो माँ, बुरा न कहे माँ किसी को भी विनय यह स्वीकारो माँ। अन्दर ऐसी ज्योति जगाओ ... by कविता बहार | Nov 7, 2023 | हिंदी कविता
बोझ पर कविता कभी कभीकलम भी बोझ लगने लगती हैजब शब्द नहीं देते साथअंतरभावों काउमड़ती पीड़ायें दफन हो जातीभीतर कहींउबलता है कुछधधकता हैज्वालामुखी सीविचारों के बवंडरभूकंप सा कंपाते हैमन मस्तिष्क कोऔर सारे तत्वों के बावजूदमन अकेला हो जाता हैउस माँ की तरहजो नौ महीने सहर्षभार... by कविता बहार | Nov 7, 2023 | हिंदी कविता
जीवनामृत मेरे श्याम : — अमृत कहाँ ले पाबे रे मंथन करे बगैर ।सद्ज्ञान नई मिले तोला साधन करे बगैर ।। मन मंदराचल बना ले हिरदे समुंद कर ,मन नई बँधावे देख ले ... by कविता बहार | Nov 7, 2023 | विविध छंदबद्ध काव्य
त्रिपदिक . अतीत धरोहर है ।सुधार ले चल आज कोतुझे आता जौहर है । *जीवन रण हारा अगर ।मत हो...