मनीभाई नवरत्न

मनीभाई नवरत्न

यह काव्य रचना छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के बसना ब्लाक क्षेत्र के मनीभाई नवरत्न द्वारा रचित है। अभी आप कई ब्लॉग पर लेखन कर रहे हैं। आप कविता बहार के संस्थापक और संचालक भी है । अभी आप कविता बहार पब्लिकेशन में संपादन और पृष्ठीय साजसज्जा का दायित्व भी निभा रहे हैं । हाइकु मञ्जूषा, हाइकु की सुगंध ,छत्तीसगढ़ सम्पूर्ण दर्शन , चारू चिन्मय चोका आदि पुस्तकों में रचना प्रकाशित हो चुकी हैं।

12 मार्च दाण्डी मार्च दिवस पर कविता

12 मार्च दाण्डी मार्च दिवस नव-चेतना का आह्वान किया।नमक कानून के खिलाफ पदयात्रा किया।जीना सिखाया हमें स्वाभिमान से,“महात्मा”बुलाते हम सम्मान से,घनघोर अँधेरा में बने आशा की किरण,सत्यअहिंसा की मिशाल बने जिनका जीवन।आज उन्हीं के काम के मान दिवस है।12 मार्च…

मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 9

हाइकु

हाइकु अर्द्धशतक भाग 9 ४०१/शम्मी के पेड़धनिष्ठा वसु व्रतमंगल स्वामी ४०२/मंडलाकारसौ तारे शतभिषाराहु की दशा। ४०३/ रोपित करेंपूर्व भाद्रपद मेंआम्र का वृक्ष। ४०४/मांस का दानउत्तरा भाद्रपदपूजा निम्ब के । ४०५/कांसे का दानरेवती पूषा व्रतमहुआ पूजा। ४०६/श्रीराम जन्मअभिजीत जातकहै भाग्यशाली ।…

मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 8

हाइकु

हाइकु अर्द्धशतक ३५१/ धरा की तापहरते मौन वृक्षतप करते ३५२/ झुलस जायेतन मन जीवनऐसी तपन। ३५३/ है ऐसी धुपनैन चौंधिया जायेतेजस्वरूप । ३५४/   लू की कहरखड़ी दोपहर में  धीमा जहर ३५५/मेघ गरजेबिजली सी चमकेरूष्ट हो जैसे । ३५६/बादल छायाएकाकार…

मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 7

हाइकु

हाइकु अर्द्धशतक ३०१/आज के नेताहै जनप्रतिनिधिनहीं सेवक। ३०२/है तू आजादबचा नहीं बहानातू आगे बढ़। ३०३/.मित्र में खुदाकरे निस्वार्थ प्रेमरिश्ता है जुदा। ३०४/ छाया अकालजल अमृत बिनधरा बेहाल। ३०५/ सांध्य सिताराशुक्र बन अगुआलड़े अंधेरा। ३०६/ स्वाभिमान हीसबसे बड़ी पूंजीजीवन कुंजी। ३०७/…

मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 6

हाइकु

हाइकु अर्द्धशतक २५१/ रात की सब्जी~जय वीरू की जोड़ीआलू बैंगन। २५२/ पंचफोरन~बैंगन की कलौंजीप्लेट में सजा। २५३/ बाजार सजा~डलिया में बैंगनइतरा रहा। २५४/ सब्जी का राजा~(बैंगन)ताज भांति सिर मेंडंठल सजा।   २५५/ रात की सब्जी~जय वीरू की जोड़ीआलू बैंगन। २५६/…