12 मार्च दाण्डी मार्च दिवस पर कविता

dandi yatra
दांडी यात्रा

12 मार्च दाण्डी मार्च दिवस

नव-चेतना का आह्वान किया।
नमक कानून के खिलाफ पदयात्रा किया।
जीना सिखाया हमें स्वाभिमान से,
“महात्मा”बुलाते हम सम्मान से,
घनघोर अँधेरा में बने आशा की किरण,
सत्यअहिंसा की मिशाल बने जिनका जीवन।
आज उन्हीं के काम के मान दिवस है।
12 मार्च दाण्डी मार्च दिवस है।।

चल पड़े थे अपने मकसद में अकेले,
कुछ सहयोगी भी उनके संग हो लिये,
धीरे-धीरे कारवाँ बढ़ता गया।
गाँधी फिरंगियों पर भारी पड़ता गया।
कानून तोड़ा इंसानियत के नाते,
वरना विरोध करना हम कहाँ सीख पाते?
स्वदेशी की अहमियत का पहचान दिवस है।
12 मार्च दाण्डी मार्च दिवस है।।

(रचयिता:-मनी भाई)

मनीभाई नवरत्न

यह काव्य रचना छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के बसना ब्लाक क्षेत्र के मनीभाई नवरत्न द्वारा रचित है। अभी आप कई ब्लॉग पर लेखन कर रहे हैं। आप कविता बहार के संस्थापक और संचालक भी है । अभी आप कविता बहार पब्लिकेशन में संपादन और पृष्ठीय साजसज्जा का दायित्व भी निभा रहे हैं । हाइकु मञ्जूषा, हाइकु की सुगंध ,छत्तीसगढ़ सम्पूर्ण दर्शन , चारू चिन्मय चोका आदि पुस्तकों में रचना प्रकाशित हो चुकी हैं।

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