
12 मार्च दाण्डी मार्च दिवस
नव-चेतना का आह्वान किया।
नमक कानून के खिलाफ पदयात्रा किया।
जीना सिखाया हमें स्वाभिमान से,
“महात्मा”बुलाते हम सम्मान से,
घनघोर अँधेरा में बने आशा की किरण,
सत्यअहिंसा की मिशाल बने जिनका जीवन।
आज उन्हीं के काम के मान दिवस है।
12 मार्च दाण्डी मार्च दिवस है।।

चल पड़े थे अपने मकसद में अकेले,
कुछ सहयोगी भी उनके संग हो लिये,
धीरे-धीरे कारवाँ बढ़ता गया।
गाँधी फिरंगियों पर भारी पड़ता गया।
कानून तोड़ा इंसानियत के नाते,
वरना विरोध करना हम कहाँ सीख पाते?
स्वदेशी की अहमियत का पहचान दिवस है।
12 मार्च दाण्डी मार्च दिवस है।।
(रचयिता:-मनी भाई)