मनीभाई नवरत्न

मनीभाई नवरत्न

यह काव्य रचना छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के बसना ब्लाक क्षेत्र के मनीभाई नवरत्न द्वारा रचित है। अभी आप कई ब्लॉग पर लेखन कर रहे हैं। आप कविता बहार के संस्थापक और संचालक भी है । अभी आप कविता बहार पब्लिकेशन में संपादन और पृष्ठीय साजसज्जा का दायित्व भी निभा रहे हैं । हाइकु मञ्जूषा, हाइकु की सुगंध ,छत्तीसगढ़ सम्पूर्ण दर्शन , चारू चिन्मय चोका आदि पुस्तकों में रचना प्रकाशित हो चुकी हैं।

मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 5

हाइकु

हाइकु अर्द्धशतक २०१/ प्रभात बेला~   शहर में सजती रंगीन मेला। २०२/ हिलते पात~ दिवस सुधि लेते आई प्रभात। २०३/ खनिज खान~पठार की जमीनचौड़ा सपाट। २०४/रूई बिछौना~पामीर के पठारसंसार छत। २०५/ फंसा पतंगा फूल की लालच में लोभ है जाल।…

मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 4

हाइकु

हाइकु अर्द्धशतक १५१/ शांत तालाबपाहन की चोट सेबिखर चला। १५२/ मुस्कुरा गईनव वधु के लबमैका आते ही। १५३/ बच्चे मायुसबिजली आते उठीखुशी लहर। १५४/ अपनी सीमाकमजोरी तो नहींप्रभाव जमा। १५५/ बाल संवारेदीदी आज भाई कासहज प्रेम १५६/ भूले बिसरेयादों में…

मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 3

हाइकु

हाइकु अर्द्धशतक १०१/ विकासशीलजगत का नियमहरेक पल १०२/अनुकूलनअस्तित्व का बचावकर पहल १०३/वातावरणकरता प्रभावितचल संभल १०४/ बच्चों के संगमिल जाती खुशियाँअपरम्पार।   १०५/ जीवन कमसमय फिसलताख्वाब हजार। १०६/ सूक्ष्म शरीरमन की चंचलताचांद के पार। १०७/ सर्वसमतानेकी बदी की छायाहरेक द्वार। १०८/…

मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 2

हाइकु

हाइकु अर्द्धशतक ५१/ बिखरे पुष्पबंसत सुगंधितभ्रमर गीत। ५२/ कबूलफूल हो चाहे धुलप्यार है मूल। ५३/ प्यार जीवनमिट्टी की दुनिया मेंबाकी कफन। ५४/ पत्थर दिलपिघलता प्यार सेनहीं मुश्किल।  ५५/ मुड़ा भास्करउत्तरायण गति हुई संक्रांति। ५६/ उत्तरायणीहो चला दिनकरराशि मकर।   ५७/ किया…

मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग १

हाइकु

हाइकु अर्द्धशतक १/बसंत नाचेगाये गीत फाग केप्रेम राग के। २/बासंती चिट्ठीसंवदिया बन केआया बयार। ३/  बासंती  हवा   रंग  बिखर गया। निखर गया। ४/फलक तले खिले सरसों फुलबसंत पले। ५/पी का दीदारनशा ज्यों हो शराबदिल गुलाब । ६/ नदिया तीरखड़ा…