हाइकु अर्द्धशतक
५१/ बिखरे पुष्प
बंसत सुगंधित
भ्रमर गीत।
५२/ कबूल
फूल हो चाहे धुल
प्यार है मूल।
५३/ प्यार जीवन
मिट्टी की दुनिया में
बाकी कफन।
५४/ पत्थर दिल
पिघलता प्यार से
नहीं मुश्किल।
५५/ मुड़ा भास्कर
उत्तरायण गति
हुई संक्रांति।
५६/ उत्तरायणी
हो चला दिनकर
राशि मकर।
५७/ किया तर्पण
भगीरथ गंगा से
संक्रांति दिन।
५८/ संक्रांति तिथि
शरीर परित्याग
महान भीष्म।
५९/ बाल संवारे~
कांधे लटका थैला
स्कूल को चलें।
६०/ वो बेसहारे
करते है जो कर्म
बिना विचारे
६१/ चार दिनों में ~
दो दिन हँसना है
दो दिन रोना
६२/ अति तनाव
विनाश का कारण
विकास बाधा।
६३/ ना मकान है
आसमान बसेरा
क्या खोना मेरा?
६४/ मनाने चला ~
खट्टी मीठी यादो को
भुलाने चला
६५/ शब्द लकीर~
ये बताने चला है
दिल का पीर।
६६/ हर निवाला
ईश्वर का प्रसाद
आनंद भोग।
६७/ सहनशील
होता महान गुण
देवत्व प्राप्ति।
६८/ मताधिकार
लोकतंत्र की जान
दे पहचान।
६९/ है शर्मनाक
कन्या भ्रूण की हत्या~
विचारणीय।
७०/ हैलो नमस्ते
मधुर सम्बन्ध के
भाव जताते
७१/ ऊर्जा संचय
प्रकृति का संरक्षण
भावी सुरक्षा।
७२/ स्वतंत्र होना
मानव अधिकार
प्राथमिकता।
७३/ सीखता चल
संकट हर पल
भाग्य बदल
७४/ बेशर्म नेता
राष्ट्र के हिटलर
लुटी अस्मिता
७५/ बिन योग्यता
बन जाते हैं नेता
देश दुर्दशा ।
७६/ जिंदगी मौत
किया जो बेसहारा
कौन हमारा?
७७./ अति अवज्ञा
अति परिचय से
गर हो त्रुटि
७८/ की बांग
कानों में रस घोली
अंखियां खुली।
७९/ शांत तालाब
पाहन की चोट से
बिखर चला।
८०/ मुस्कुरा गई
नव वधु के लब
मैका आते ही।
८१/ बच्चे मायुस
बिजली आते उठी
खुशी लहर।
८२/ भूले बिसरे
यादों में झिलमिल
असल पूंजी।
८३/ बिछड़ा वर्ष
यादों की झरोखा दे
शुभ विदाई ।
८४/ विदा ले साल
किये कई कमाल
वक्त की चाल
८५/ चीक से देखे
वो पड़ोसन मेरी
हाय ! शर्माये।
८६/ सौ चोट सहे
हिले डुले डबरा
फिर संभलें।
८७/ खोज ली चींटी
छान पत्थर मिट्टी
अजब दीठि।
८८/ पौष पूर्णिमा
कृषक अन्न दाता
विश्व विधाता।
८९/ माया गठरी
बांध चला मनुवा
ढूंढे ठिकाना।
९०/ दादी कहानी
जो किताबी हो चली
होती रूहानी।
९१/ अभ्यास गुरू
करो मार्ग आसान
बनो सुजान।
९२/ आकाश गंगा
तारों की टिमटिम
तम की आस।
९३/ छटा निखरी
ताल में स्वर्ण थाल
आभा बिखरी
९४/ अंधे की लाठी
निज सपूत कांधा
विश्वास बांधा।
९५/ भीषण शीत
लब गुंजित करे
शास्त्रीय गीत।
९६/ खेल जिन्दगी
जरा जोर लगाके
हारे या जीते।
९७/ खेल भावना
चरित्र का आधार
जीत या हार।
९८/ बाल संवारे
दीदी आज भाई का
सहज प्रेम
९९/ दिन बदले
कैलेण्डर बदले
तू भी बदल!
१००/ परिवर्तन
जीवन परिभाषा
निकाल हल