हसरतों को गले से लगाते रहे
हसरतों को गले से लगाते रहे हसरतों को गले से लगाते रहे,थोड़ा थोड़ा सही पास आते रहे..आप की बेबसी का पता है हमें,चुप रहे पर बहुत ज़ख़्म खाते रहे..इस ज़माने का दस्तूर सदियों से है,बेवजह लोग ऊँगली उठाते रहे..मेरी दीवानगी…
हसरतों को गले से लगाते रहे हसरतों को गले से लगाते रहे,थोड़ा थोड़ा सही पास आते रहे..आप की बेबसी का पता है हमें,चुप रहे पर बहुत ज़ख़्म खाते रहे..इस ज़माने का दस्तूर सदियों से है,बेवजह लोग ऊँगली उठाते रहे..मेरी दीवानगी…
कैसे जुगनू पकड़ूं? पाँव महावर ,हाथों में मेहँदीकलाई में कँगना दिये सँवार ।माथे बिंदिया माँग में सिंदूरमंगलसूत्र गले दिया सँवार ।जननी पर भूल गयी बतानाघर गृहस्थी कैसे सँभालूबाली उमरिया लिखने पढ़नेखेलने की ,कैसे बिसरा दूँ ।मेहँदी रचे हाथों में कलछीकलम…
किस मंजिल की ओर ? क्यारी सूख रही है निरंतर..आग जल रही हैं हर कहीं..घर हो या पास पडौ़स ..विश्वास की डोर नहीं है…टूट रही हैं नित ख्वाहिशेंनहीं रहा है भाईचारा…प्रेम…स्नेह छूट गया है..कहीं दूर…अंतरिक्ष सदृश्य..वैमनस्य पलने लगा है नजरों…
सिर पर है चुनाव बीच बवंडर गोते खाती, फंस गई जैसे नाकुछ ऐसा माहौल बना है, सिर पर है चुनावउबड़ खाबड़ गड्ढे वाले, अब दिखते है गांवये अब तो मुद्दा है भैया, सिर पर है चुनावअपनी मांगे हमको तुम ,…
स्वयंसिद्धा देहरी को लाँघने ,साहस सदा तुममें रहा,अधिकार के सत्कार मेंकर्तव्य की कारा बना,क्यूँ प्रश्न वाचक तुम बनी,अवधारणा को तोड़खोल पाँखे खोलहै तू सदा से ही ,जगतनियन्ता ने बनायासृष्टि के आदि से,पुराण, वेद, उपनिषद्कालातीत से कालांतरगढ़ा है ,सुझाया,जन्म जन्मातर से…
दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं।शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं। दुर्गा को आदि शक्ति, परम भगवती परब्रह्म बताया गया…
बेटा-बेटी में भेद क्यों पर कविता सागर होते हैं बेटे, तो गंगा होती है बेटियांचांद होते हैं बेटे, तो चांदनी होती हैं बेटियांजग में दोनों ही अनमोल फिर भेद कैसा।।कमल होते बेटे,तो गुलाब होती हैं बेटियांपर्वत होते बेटे, तो चट्टान…
गौरैया पर कविता तू आई मेरे आँगन मेंअपने नन्हें बच्चे को लेकरफूदक फूदक खिला रही थीअपना चोंच, चोंच में देकरसजग सब खतरों सेताकती घुम घुम करनजाकत से चुगती दानाआहट पा उड़ जाती फुर्रदानों को खत्म होता देखमिट्ठी भर अनाज बिखराईडरकर…
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर दोहे नारी से है सुख मिला, नारी से सम्मान।बिन नारी घर घर नही, लगता है सुनसान ।।1 नारी को सम्मान दो, नारी मात समान ।नारी से घर स्वर्ग है, सब पर देती जान ।।2 बिन घरनी…
मोबाइल महाराज जय हो तुम्हारी हे मोबाइल महाराजतकनीकि युग के तुम ही हो सरताजबिन भोजन दिन कट जाता हैपर तुम बिन क्षण पल नहीं न आज।हे मोबाइल तुम बिन सुबह न होवेतुम संग आॅनलाइन रह सकें पूरी रातगुडमार्निंग से लेकर…