
महामानव यीशु/ डॉ विजय कुमार कन्नौजे
महामानव यीशु/ डॉ विजय कुमार कन्नौजे जब जब धरा पर होती है अत्याचार।तब तब प्रभु लेते हैं धरा पर अवतार।। मानवता जब होने लगी धरा पर।जब धरती होने लगी थी , शर्म सार मानव मानवता भुलकर,करने लगे अत्याचार ।गरीब अमीर…
महामानव यीशु/ डॉ विजय कुमार कन्नौजे जब जब धरा पर होती है अत्याचार।तब तब प्रभु लेते हैं धरा पर अवतार।। मानवता जब होने लगी धरा पर।जब धरती होने लगी थी , शर्म सार मानव मानवता भुलकर,करने लगे अत्याचार ।गरीब अमीर…
सात्विक आहार औषधि डुबती स्वासा संभाल करनब्ज गिरत संभाल।तुलसी लौंग के गुण अतिरसायन बटी का मान। मेल मिलाप मकरध्वजवृहद् चिंतामणि डार।लकवा वात की सही दवावैद्य विजय का मान।।। करू करेला खाइये ,संग जामुन कसैला डार।शक्कर रोग की दवा,सत्य सनातन परमान।।…
क्रिकेट बस क्रिकेट है जीवन नहीं क्रिकेट जीवन नहीं हो सकताक्रिकेट भारतियों कीरूह में समाया हैउसने कब्जाया हैहमारी भावनाओं कोक्रिकेट बन गया है धर्मजो नहीं होना चाहिए। हम पूजते हैं क्रिकेटऔर उसके खिलाडियों कोलुटा देते हैं अपना सबकुछबना देते हैं…
तुलसी जयंती पर कविता: सावन माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को तुलसीदास जयंती मनाई जाती है। इस वर्ष तुलसीदास जयंती 23 अगस्त यानि आज है। तुलसीदास जी ने हिंदू महाकाव्य रामचरितमानस, हनुमान चालीसा सहित ग्रंथ ग्रंथों की रचनाएं…
हम यहाँ पर आपको पितृ पक्ष पर कविता प्रस्तुत कर रहे हैं आशा है आपको यह पसंद आएगी .
दीपमाला जहाँ जन्म हुआ श्री राम का,वेशभूषा वो ही भारत की।राम शिला रखी आज जाएगी,शान यही भारत की॥ आओ सुनाता हूँ तुम को,राम नाम की कहानी।वन वन काटों से पूरी भरी,राहें बीती थी पुरानी॥ सूने सूने थे घर घर,हर ओर…
विश्वकप क्रिकेट खेल का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) द्वारा हर चार साल में किया जाता है, जिसमें प्रारंभिक योग्यता के दौर में फ़ाइनल टूर्नामेंट तक होता है। यह टूर्नामेंट दुनिया के सबसे ज्यादा देखे जाने वाले खेल आयोजनों में…
भारत माँ पर कविता : भारत को मातृदेवी के रूप में चित्रित करके भारत माता या ‘भारतम्बा’ कहा जाता है। भारतमाता को प्राय नारंगी रंग की साड़ी पहने, हाथ में तिरंगा ध्वज लिये हुए चित्रित किया जाता है तथा साथ में सिंह होता है। भारत माता पर कविता भारत…
भगवान पर कविता: किसी भी धर्म में खास कर के हिन्दू धर्म में भगवानो पर बढ़ी आस्था रखी जाती है और इन भगवानो पर वे बहुत ज्यदा विस्वास रखते है और इस आस्था को बनाये रखे कविता बहार आप के…
भूख पर कविताएं कविता 1. भूख केवल रोटी और भात नहीं खातीवह नदियों पहाड़ों खदानों और आदमियों को भी खा जाती हैभौतिक संसाधनों से परेसारे रिश्तों और सारी नैतिकताओं को भी बड़ी आसानी से पचा लेती है भूख। भूख की…