सात्विक आहार औषधि/डॉ विजय कुमार कन्नौजे

Vegetable Vegan Fruit

सात्विक आहार औषधि

डुबती स्वासा संभाल कर
नब्ज गिरत संभाल।
तुलसी लौंग के गुण अति
रसायन बटी का मान।

मेल मिलाप मकरध्वज
वृहद् चिंतामणि डार।
लकवा वात की सही दवा
वैद्य विजय का मान।।।

करू करेला खाइये ,संग जामुन कसैला डार।
शक्कर रोग की दवा,
सत्य सनातन परमान।।

जीरा धनिया सोंठ को
देहु सज्जन पिसाय।
सोना मख्खी मिलाकर
तुरंत गैस देहु भगाय।।

खाली पेट खाइये, नींबु पत्ता पांच।
गैस रोग दुर भगय,न आये कुछ आंच।।

सात्विक आहार औषधि,
सुन लो संत सुजान।
कवि विजय लिख दिया
घर औषधि प्रमाण।।

मांस मदिरा से बढ़त है
शुगर बी,पी जान।
अकाट्य वचन कवि का
सत्य प्रमाण जान।।

डॉ विजय कुमार कन्नौजे अमोदी आरंग ज़िला रायपुर छ ग

सात्विक भोजन का गुण

सात्विक भोजन करके,सदा बने गुणवान।
शाक सब्जी फल से,सदा रहे बलवान।।
सदा रहे बलवान,माने संत विचार।
मिट जायेगा सदा,मन का हर‌ विकार।
कुपथ आहार तजे,बने रहे सदा आस्तिक।
करके आहार सद, खाद्य रहें
जब सात्विक ।।

सात्विकता प्रमाण है,रखें सदा निरोग ।
काम, क्रोध, मद,लोभ ना
खुश रहत सब लोग।

खुश रहते सब लोग,
कहें कवि विजय का लेख।
बी,पी,-शुगर न होय
कभी सद्भ भोजन का रेख।

औषधि गुण भंडार,हरा भरा की वास्तविकता।
मिट जाये सारी रोग, महत्वपूर्ण सात्विकता।।

पालक लाल भाजी में
आयरन का है गुण।
लाल खुन कण बढ़ेय
ध्यान लगाकर सुन।।

ध्यान लगाकर सुन
कहे कवि विजय का लेख।
हरा भरा सब्जी पर
है पोषक तत्व का रेख।।
खाइयें खिलायें,बनाये बल बालक,
विटामिन का भंडार, भांजी लाल पालक।

डॉ विजय कुमार कन्नौजे अमोदी आरंग छत्तीसगढ़ रायपुर

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।