Category हिंदी कविता

करवा चौथ पर कविता

सुहागिनों का प्रेम और आस्था का त्यौहार /  डॉ एन के सेठी

इस दोहों की श्रृंखला में करवा चौथ के त्यौहार का सुंदर चित्रण किया गया है, जिसमें सुहागिनें अपने पति की दीर्घायु और सुखमय जीवन की कामना के लिए व्रत रखती हैं। दिनभर की पूजा-अर्चना के बाद, वे चंद्रमा का दर्शन…

शरद पूर्णिमा पर कविता

शरद पूर्णिमा / स्वपन बोस बेगाना

इस कविता में शरद पूर्णिमा की चांदनी रात को अद्वितीय सौंदर्य और गहरे भावनात्मक जुड़ाव से जोड़ा गया है। चंद्रमा की रोशनी प्रियसी के मिलन की प्रतीक्षा को दर्शाती है, जबकि मानव जीवन में भगवान से दूर होने की पीड़ा…

करवा चौथ पर कविता

करवा चौथ का दिन / राकेश राज़ भाटिया

करवा चौथ भारतीय संस्कृति में सुहागिनों के प्रेम और आस्था का प्रतीक पर्व है, जहां हर सुहागन सोलह श्रृंगार कर अपने पति की लंबी उम्र और समृद्धि के लिए व्रत रखती है। इस दिन का विशेष महत्व चांद के दीदार…

करवा चौथ पर कविता

पति-व्रता की प्रार्थना / शिवराज सिंह चौहान

यह कविता एक पतिव्रता स्त्री की भावनाओं और समर्पण को दर्शाती है, जो करवा चौथ के व्रत के दौरान अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती है। वह पूरे दिन व्रत रखती है, सोलह श्रृंगार करती है,…

बड़ अच्छा लगथे / राजकुमार ‘मसखरे

बड़ अच्छा लगथे “छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया”ये नारा बड़ अच्छा लगथे !ये नारा बनइया के मन भरपयलगी करे के मन करथे !! जब छत्तीसगढ़िया मनगुजराती लॉज/राजस्थानी लॉज म रुकथेहरियाणा जलेबी/बंगाली चाय के बड़ई करथेबड़ अच्छा लगथे !! जब छत्तीसगढ़िया मनअपन घर…

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बेटियाँ हैं रब्ब की दुआओं जैसी / राकेश राज़ भाटिया

“बेटियाँ हैं रब्ब की दुआओं जैसी” – राकेश राज़ भाटिया द्वारा लिखी गई यह खूबसूरत कविता बेटियों के अनमोल होने का एहसास कराती है। बेटियाँ वो उपहार हैं, जो जीवन में खुशियों और दुआओं की सौगात लाती हैं। बेटियाँ हमारी…

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बिटिया का सुख प्यारा / शिवराज सिंह चौहान

बिटिया का सुख प्यारा जग में सुंदर और सलोना,                    रिश्ता है यह न्यारा।प्यार जहां सरोबार बरसता,                बिटिया का सुख प्यारा।। बेटी ::मात पिता पर कभी भी कोई,                       संकट है आ जाए।दूर बैठ भी दुख को “बांटे,”                   वह “बेटी” कहलाए।। पुत्री…

दरिद्र कौन / पद्ममुख पंडा

“दरिद्र कौन” कविता, कवि पद्ममुख पंडा द्वारा रचित है। यह कविता उन लोगों पर आधारित है जो वास्तविक दरिद्रता (गरीबी) और स्वाभिमान को पहचानते हैं। इसमें कवि यह संदेश देने की कोशिश करते हैं कि दरिद्रता केवल धन की कमी…

राउत नाचा पर कविता

शिवकुमार श्रीवास “लहरी” छत्तीसगढ़ के एक प्रसिद्ध कवि हैं। उनकी यह कविता “राउत नाचा” छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोक संस्कृति और विशेषकर राउत नाच पर केंद्रित है। राउत नाच छत्तीसगढ़ का एक लोकप्रिय नृत्य है जो अपनी अनूठी शैली और सांस्कृतिक…

चँदैनी पर कविता

शिवकुमार श्रीवास “लहरी” छत्तीसगढ़ के एक प्रसिद्ध कवि हैं। उनकी यह कविता “चँदैनी पर रोला” छत्तीसगढ़ की लोककथा लोरिक-चंदा पर आधारित है। इस कविता के माध्यम से उन्होंने छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति और विशेषकर चंदैनी नृत्य को रोचक ढंग से…