संवाद पर कविता – सुकमोती चौहान रुचि
संवाद पर कविता तुमसे कर संवाद, सुकूं मन को मिलता है |मधुर लगे हर भाष्य, सुमन मन में खिलता है |कर्णप्रिय हर बात, प्रेरणा देती हरदम | करके जिसको याद, दूर हो जाती है गम ||उत्प्रेरक संवाद सब, नित्य सँजोया…
संवाद पर कविता तुमसे कर संवाद, सुकूं मन को मिलता है |मधुर लगे हर भाष्य, सुमन मन में खिलता है |कर्णप्रिय हर बात, प्रेरणा देती हरदम | करके जिसको याद, दूर हो जाती है गम ||उत्प्रेरक संवाद सब, नित्य सँजोया…
माता है अनमोल रतन स्वांस-स्वांस में माँहै समाई,सदगुरुओं की माँ गुरूताई।श्रध्दा भाव से करो जतन,माता है अनमोल रतन।। अमृत है माता की वानी, माँ आशीश है सोना -चानी।माँ से बडा़ ना कोई धन, माता है अनमोल रतन।। माँका मान बढा़ओ…
कविता इस वसुधा पर इन्सान वहीं —————————————- धन,वैभव,पदविद्या आदिका जिसको हैअभियाननहीं। सत्य अनुपम शरणागत इस वसुधा पर इन्सान वहीं। सत्य धर्म फैलाने आला, विषय पीकर मुस्काने वाला, अबला अनाथ उठाने वाला, प्यार, स्नेह लुटाने वाला परहित में मर जाने वाला।अपना…
राम को खेलावत कौशिल्या रानी / बाबूराम सिंह चैत शुक्ल नवमी को पावन अयोध्या में ,मध्य दिवस प्रगटाये रामचनद्र ज्ञानी।सुन्दर सुकोमल दशरथ नृपति -सुत ,भव्यसुख शान्ति सत्य सिन्धुछवि खानी।जिनके दर्शन हेतु तरसता सर्व देव ,बाल ब्रह्मचारी संत योगी यती ध्यानी।शुचि…
दहेज प्रथा अभिशाप है दानव क्रूर दहेज अहा ! महा बुरा है पाप ।जन्म-जीवन नर्क बने,मत लो यह अभिशाप।।पुत्रीयों के जीवन में ,लगा दिया है आग।खाक जगत में कर रहा,आपस का अनुराग।। जलती हैं नित बेटियाँ ,देखो आँखें खोल।तहस-नहस सब…
हिन्दी का गुणगान संस्कृत भाषा से,अवतरित हुआ है हिन्दी,भारत की माथे की है ये अनमोल बिन्दी।‘राष्ट्रीय भाषा’का जिसे मिला है देश मे सम्मान,प्यारे देशवासियों किजीए,हिन्दी का गुणगान। हिन्दी की है प्यारी-प्यारी,मिठी-मिठी बोली,दोस्ती-व्यवहार में,हिन्दी भाषा है हमजोली।विद्वान-ज्ञानीयों ने,जिसका किया है बखान,प्यारे…
सलिल हिंदी (सरसी छंद) *स्वर व्यंजन के मेल सुहाने, संधि सुमन के हार।**रस छंदों से सज धज आई, हिंदी कर श्रृंगार..* वर्णों का उच्चारण करतें, कसरत मुख की जान।मूर्धा जिह्वा कंठ अधर सह, दंतो से पहचान।ध्वनियों को आधार बनाकर, करते…
पलट गया हिंदी का पासा गीत-उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट हिंदी बनी राजभाषा ही, लेकिन नहीं राष्ट्र की भाषाक्षेत्रवाद के चक्कर में ही, पूरी हो न सकी अभिलाषा। पूर्वोत्तर के साथ मिले जब, दक्षिण के भी लोग यहाँ परहिंदी का विरोध कर…
परवाह करने वाले होते हैं कम हीपरवाह करने वालेहोता है हर एक इस्तेमाल करने वाला वास्तव मेंपरवाह करने वालेइस्तेमाल नहीं करतेवहीं इस्तेमाल करने वालेपरवाह नहीं करते पहचानिएकौन हैं परवाह करने वालेकौन हैं इस्तेमाल करने वाले होते हैं विरले हीपरवाह करने…
कविता भक्त वत्सल भगवान श्रीराम —————————————– सूर्यवंशी सूर्यकेअवलोकि सुचरित्र -चित्र,तन – मन रोमांच हो अश्रु बही जात है।सुखद- सलोना शुभ सदगुण दाता प्रभु ,नाम लेत सदा भक्त बस में हो जातहैं। नाम सीताराम सुखधाम पतित -पावन ,पाप-ताप आपो आप पलमें…