बेताज बादशाह – वन्दना शर्मा
बेताज बादशाह – वन्दना शर्मा आज देखा मैंने ऐसा हरा भरा साम्राज्य…धन धान्य से भरपूर….सोना उगलते खेत खलियान…कल कल बहती नदियाँ….. चारों ओर शांति,सुख, समृद्धि…और वहीं देखा ऐसा बेताज बादशाह….जो अपने हरएक प्रजाजन को..परोस रहा था अपने हाथ से भोजन…