स्वदेश पर कविता – गोपाल सिंह नेपाली

स्वदेशी का अर्थ है- ‘अपने देश का’ अथवा ‘अपने देश में निर्मित’। ओ स्वदेश की जवानियो, चलो उठो-उठो इतिहास की निशानियों, चलो उठो-उठोओ खून की खामियो, चलो उठो-उठोहम जन्म लें स्वतंत्र ही, स्वतंत्र ही मरें,तुम अर्चना करो, अमोघ अर्चना करोअधिकार लो, सदा...

काँटों पर चलना सीखे – मनीभाई नवरतन

अब काँटों पर चलना सीखें अब तक सुमनों पर चलते थे, अब काँटों पर चलना सीखें॥खड़ा हुआ है अटल हिमालय, दृढ़ता का नित पाठ पढ़ाता।। बहो निरन्तर ध्येय-सिन्धु तक, सरिता का जल-कण बतलाता।अपने दृढ़ निश्चय से पथ की, बाधाओं को ढहना सीखें। अब…… हममें चपला-सी चंचलता, हममें...
प्रेरणा दायक कविता – हम स्वदेश के सपूत

प्रेरणा दायक कविता – हम स्वदेश के सपूत

कविता बहार के प्रेरणा दायक कविता में से एक कविता – हम स्वदेश के सपूत हम स्वदेश के सपूत आज पग बढ़ा चले। हाथ में अंगार, है हर चरण पहाड़ है।हम बढ़े जिधर उधर आँधियाँ ही बढ़ चलें।हम स्वदेश के सपूत आज पग बढ़ा चलें। मातृभूमि तू न डर, धीर धर विश्वास धर।शत्रु शीश बीनती...
प्रेरणा दायक कविता – हम स्वदेश के सपूत

देखें कौन सुमन शैया तज कंटक पथ अपनाता है?

देखें कौन सुमन शैया तज, कंटक पथ अपनाता है? देश-प्रेम का मूल्य प्राण है, देखें कौन चुकाता है?देखें कौन सुमन शैया तज, कंटक पथ अपनाता है? सकल मोह ममता को तजकर, माता जिसको प्यारी हो।दुश्मन की छाती छेदन को, जिसकी तेज़ कटारी हो।मातृभूमि के लिए राज्य तज, जो बन चुका भिखारी...
प्रेरणा दायक कविता – हम स्वदेश के सपूत

आया समय जवानो जागो भारतभूमि पुकारती।

प्रेरणा दायक कविता यह लोगों कि कार्वाई, इच्छाओं और ज़रूरतों के लिए कारणों का प्रतिनिधित्व करता है। प्रेरणा भी व्यवहार करने की दिशा के रूप मे परिभाषित किया जा सकता है। एक मकसद एक निश्चित तरीके से कार्य करने के लिए व्यक्ति को संकेत देता है या कम से कम विशिष्ट व्यवहार के...

प्रेरणा दायक कविता – उठो सोने वालो सबेरा हुआ है

प्रेरणा दायक कविता – प्रेरणादायक कविता उठो सोने वालो सबेरा हुआ है उठो सोनेवालो, सबेरा हुआ है,वतन के फकीरों का फेरा हुआ है। जगो तो निराशा निशा खो रही है,सुनहरी सुपूरब दिशा हो रही है,चलो मोह की कालिमा धो रही है,न अब कौम कोई पड़ी सो रही है।तुम्हें किसलिए मोह घेरे...