गोवर्धन पूजा / डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा
गोवर्धन पूजा मात देवकी लाल की, लीला है अनमोल।बचपन से मोहित किए, उनकी मीठी बोल।। राधे के प्रियतम हुए , मीरा के हैं नाथ।ग्वाल बाल के बन सखा, देते भक्तों साथ।। मात पिता रक्षक बने, वासुदेव के लाल।दुष्ट कंस संहार…
गोवर्धन पूजा मात देवकी लाल की, लीला है अनमोल।बचपन से मोहित किए, उनकी मीठी बोल।। राधे के प्रियतम हुए , मीरा के हैं नाथ।ग्वाल बाल के बन सखा, देते भक्तों साथ।। मात पिता रक्षक बने, वासुदेव के लाल।दुष्ट कंस संहार…
शरद पूर्णिमा हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, जिसे भारत के विभिन्न भागों में बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है। इसे कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। शरद पूर्णिमा अश्विन महीने की…
शिवकुमार श्रीवास “लहरी” द्वारा रचित यह दोहा कविता भारतीय लोक कलाओं, विशेषकर लोक नृत्यों के प्रति गहरा आदर और चिंता व्यक्त करती है। कवि ने अपनी कविता के माध्यम से लोक नृत्यों के महत्व, उनकी समृद्ध विरासत और वर्तमान समय…
यदि "महाभारत" को पढ़ने का समय न हो , तो भी इसके दस सार-सूत्र महाभारत के पात्रों पर दोहा हमारे जीवन में उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं.
मनीभाई के दोहे (1) जंगल मंदिर बन गये , शहर हुए अब खेत।मानव के करतूत से , हो गये पशु निश्चेत।। (2) मानव तेरी भूख ही , मांस नोच के खाय।है तू हिंसक पशु बड़ा, देखत सब थर्राय। (3) मानव…
नरेंद्र वैष्णव जी का “सावन के दोहे”” काव्य विशेष रूप से उनकी कविताओं में एक प्रमुख पहलू हैं। वे उत्तर भारतीय संस्कृति और भारतीय जीवन-दर्शन को अपनी कविताओं में प्रकट करने वाले प्रमुख कवि रहे हैं। सावन के दोहे/ नरेन्द्र…
राजकिशोर धिरही की कविता “योग दिवस पर” योग के महत्व और उसके द्वारा मिलने वाले शारीरिक और मानसिक लाभों को उजागर करती है। यह कविता शोभन छंद में रची गई है, जो सरल और प्रवाहमयी है, ताकि पाठक इसे आसानी…
योग पर दोहे में डिजेंद्र कुर्रे योग के महत्व को बयां करते हैं, कि योग हमें शांति और सजावट प्रदान करता है, योग पर दोहे /डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर” योग क्रिया तन को करें, अतुल परम बलवान।इसके पुण्य प्रभाव से, मिटते…
पर्यावरण दिवस पर चौपाई बच्चे – बूढ़े सुन लो भाई,पेड़ों की मत करो कटाई।वृक्षों से मिलती है छाया,गर्मी में हो शीतल काया। सबने इनकी महिमा गाई,मिलते हैं फल-फूल दवाई।पेड़ों से ही वर्षा आती,सब के मन को यह हर्षाती। बात सभी…
पर्यावरण बचाव पर कविता 1-पर्यावरण बचाइए, कहता पूरा देश |एक लगाओ पेंड़ जो, बदलेगा परिवेश||2-हरे भरे रखना सदा ,हरियाली के केश|महके तन मन गंध से,पर्यावरण विशेष||3-पर्यावरण पुकारता, ले लो प्रेम अपार|मेरे अन्तस् पैठ के, लेना मुझे निहार||4-सबका खुशियों से सजे,सुन्दर…