गोवर्धन पूजा / डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा
गोवर्धन पूजा मात देवकी लाल की, लीला है अनमोल।बचपन से मोहित किए, उनकी मीठी बोल।। राधे के प्रियतम हुए , मीरा के हैं नाथ।ग्वाल बाल के बन सखा, देते भक्तों साथ।। मात पिता रक्षक बने, वासुदेव के लाल।दुष्ट कंस संहार कर, बने भक्त प्रतिपाल।। सेवक बनके गाय का, रूप धरे प्रभु ग्वाल।गोवर्धन पर्वत उठा, काट … Read more