नवजीवन पर कविता
बरवै छंद, चार चरण
मात्रिक अर्धसम छंद
विषम चरण12 मात्रा
सम चरण ,7 मात्रा।
बरवै छंद, चार चरण
मात्रिक अर्धसम छंद
विषम चरण12 मात्रा
सम चरण ,7 मात्रा।
उषा सुहानी लगे प्यारी उषा सुहानी लगे प्यारी मंद पवन की ठंडक न्यारी घोंसला छोड़ पंछी भागे उषाकाल नींदों से जागे । कोयल की सुन मीठी वाणी छुप छुप किया करे मनमानी शीतल मंद पवन मदमाती …
निंदा पर सोरठा चुगली औषधि होत, करती मरहम काम जो।परनिंदा दुख स्रोत , स्वनिंदा बैकुंठ सम।।✒️ मनीभाई ‘नवरत्न’ Post Views: 34
शिक्षा रोजगार पर कविता शिक्षा की महिमा अति भारी।जन मन में करती उजियारी।ज्ञान प्रकाश हृदय भर देती।मन के सकल तमस हर लेती।।1।। विविध विषय के बनकर ज्ञाता।बनकर अपने भाग्य विधाता।।युवा कर्म पथ बढते जाते।अनुसंधान सफल हो पाते।।2।। रोजगार से शिक्षा…
निराला प्रकृति निराला रूप प्रकृति का , लगता है चितचोर।भाये मन को ये सदा , करता भाव विभोर।।करता भाव विभोर , सभी को खूब लुभाता।फैला चारों ओर , मनुज दोहन करवाता ।।रखना ‘मधु’ यह ध्यान , बनें हम नहीं निवाला।प्रकृति…
माता पिता पर कविता धन्य – धन्य माता -पिता ,धन्य आपका प्यार Iतन देकर ‘माधव’ किया ,बहुत बड़ा उपकार ll ब्रह्मा , विष्णू बाद में , नन्दी के असवार I‘माधव’ पहले मात -पितु , बन्दउँ बारम्बार ll कोरे कागज पर…
तेरस के दोहे आयें है संसार मे, करो नेक सब काम।यहीं कर्म का फल मिले, स्वर्ग नरक की धाम।। यत्न सदा करते रहो, मान नही तुम हार।हाथ सफल लगते गले, होत न श्रम बेकार।। बरफ जमी है यूँ जमी, ठिठुर…