बड़ अच्छा लगथे / राजकुमार ‘मसखरे

बड़ अच्छा लगथे

“छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया”
ये नारा बड़ अच्छा लगथे !
ये नारा बनइया के मन भर
पयलगी करे के मन करथे !!

जब छत्तीसगढ़िया मन
गुजराती लॉज/राजस्थानी लॉज म रुकथे
हरियाणा जलेबी/बंगाली चाय के बड़ई करथे
बड़ अच्छा लगथे !!

जब छत्तीसगढ़िया मन
अपन घर म कोनों काम-कारज ल धरथे
बीकानेर/जलाराम ले मन भर खरीदी करथे
बड़ अच्छा लगथे !!

जब छत्तीसगढ़िया मन
बाहिर वाले के कृषि फारम म काम करथे
साउथ वाले के नर्सिंगहोम के चाकरी म जरथे
बड़ अच्छा लगथे !!

जब छत्तीसगढ़िया मन
ये परदेशिया नेता मन के गुलामी करथे
इंखर जय,गुनगान करत,झण्डा धर निकलथे
बड़ अच्छा लगथे !!

       — *राजकुमार ‘मसखरे’*