Category: दिन विशेष कविता

  • तम्बाकू निषेध दिवस पर कविता

    तम्बाकू निषेध दिवस पर कविता

    तम्बाकू निषेध दिवस पर कविता

    नशा मत करना,
    नशा है मृत्य समान,
    तम्बाकू ने ली

    असमय मानव जान।


    शौक- शौक में तम्बाकू

    खाने लगा अनजान,
    शरीर खोखला करने लगा,
    मन मंदिर हुआ वीरान।


    धीरे धीरे सामने आए,
    तम्बाकू के दुष्परिणाम,
    डॉक्टर के पास जाना पड़ा,
    हुआ गलती का भान।


    फिर कसम खाई मैंने,
    छोड़ दिया नशे का साथ,
    तम्बाकू मुक्त हो गया,
    मेरा भारत महान।।

    मनीष शुक्ल, लख़नऊ

    तंबाकू निषेध दिवस पर कविता



    जो समय से पहले सँभले,
    उसका जीवन महान ।
    वरना मौत कभी भी आये,

    जैसे कोई हो मेहमान ।

    हुक्का हो या बीड़ी !
    मौत की है यह सीढ़ी !

    यह किसी का दोस्त नहीं !
    देता मौत, दुश्मन है यही !

    रोगों की जैसे अलमारी।
    हो कैंसर जैसे बीमारी !

    जल्द ले लो, इससे छुटकारा !
    क्योंकि,जिंदगी न मिले दोबारा !

    तम्बाकू को दूर भगाओ !
    देश को स्वस्थ बनाओ !

    तम्बाकू निषेध दिवस पर ये आह्वान।
    तम्बाकू छोड़ो वरना ,ले लेगी जान ।।

    रूद्र शर्मा

    तम्बाकू एक भूरा जहर


    आया प्रचलन अमेरिका से,
    दुनिया में बोया जाता है।
    आर्यावर्त में नंबर दूसरे पर,
    यह पाया जाता है।
    हो जाती है सुगंध की कमी,
    जब यज्ञ पूजा में,
    तंबाकू ताजगी खातिर ,
    तब सुलगाया जाता है।।

    मगर देखो कैसा रूप ,
    धारण कर लिया इसने।
    तम्बाकू सुर्ती खैनी का बिजनेस,
    कर लिया जिसने।
    धरा पर रूप धारण करके,
    चूरन बनकर आया।
    मुखों में हम सबके घाव,
    कैंसर कर दिया इसने।।

    बीड़ी सिगरेट जैसा उपयोग, इसका धूम्रपानों में।
    धुँआ बन जहर भरता है,
    यह तो आसमानों में।
    तम्बाकू हुक्का चिलम की ,
    आदत बनकर देखो।
    लगाता आग सीने में,
    श्वशन के कारमानों में।।

    लिखा हर पैक पर होता ,
    तम्बाकू जानलेवा है।
    फिर भी हम खाते हैं इसको,
    जैसे सुंदर सा मेवा है।
    समझ आता नहीं हमको,
    मेधा चकरा सी जाती है।
    जानलेवा बिके थैली में,
    तो यह कैसी सेवा है।।

    धारा बर्बादी की बह रही ,
    उसको मोड़ना होगा।
    नासमझी की कड़ियों को,
    मिलकर तोड़ना होगा।
    गर रहना है स्वस्थ ,
    जीना है दीर्घ जीवन तो।
    इस भूरे जहर को ,
    अब तो छोड़ना होगा।।

    अशोक शर्मा

    विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर कविता


    नशा नाश की जड़ है भैया
    कहत जगत में लोग लुगइयां
    खोवे सुख तन और रुपैया
    थोरी होत है जीवन नैया।

    सुन लो चाचा,ताऊ,मैया।
    और दीदी,दाऊ, भैया
    खावे गुटका,पान, सुपारी
    इन से होत है कई बीमारी।
    राखै बीड़ी चिल्लम व हुक्को
    इनको मारो अब थे धक्कों।
    सिगरेट फूंके बूढ़ो काको
    फिर लेवे जर्दा रो फांको

    कहणो मानो सा थे म्हाको
    नहीं तो नशो नाश हे थांको
    सब भाया सू कहणो
    नशों नाश रो गहणो

    के०के० रैगर (शिशु अध्यापक)

    तंबाकू सेहत के लिए हानिकारक


    तंबाकू है एक मीठा जहर,
    जुबां पर यदि चढ़ जाए,
    सेहत, स्वास्थ्य को हानि पहुंचा,
    मानव को मृत्यु द्वार तक ले जाए।


    चुटकी भर तंबाकू ने,
    हजारों बीमारियों को जन्म दिया,
    टीबी,अस्थमा, लंग कैंसर का

    खतरा पल में बढ़ा दिया।


    गुटखा, जर्दा, पान मसाला,
    और बीड़ी का रूप लिया,
    तंबाकू की लत होती ऐसी,
    कर देती मन को तुरत अधीर,
    आर्थिक,शारीरिक, मानसिक रूप से,
    मानव की सेहत को कर देती क्षीण,
    तंबाकू सेहत के लिए हानिकारक।


    यह सिगरेट की डिब्बी, पाउच पर अंकित होता,
    देखा अनदेखा करने से,किसी का ना भला होगा,
    सरकार को दोष क्यों देते हैं,पहले अंतर्मन में झांको,
    गुटके,तंबाकू जैसे मादक पदार्थों को,
    ना खाओ औरों को ना खाने दो।


    नीतियां बनी कई अब तक,
    आगे भी कई बन जाएंगी,
    कड़ाई से यदि पालन ना हो,
    सब कागजी रह जाएंगी,
    जागरूक करो सब निज मन को,
    समाज में जागरूकता लाओ,
    क्या हैं दुष्परिणाम तंबाकू के,
    खुद समझो सब को समझाओ।


    “तंबाकू ले लेगी जान”,
    तंबाकू निषेध के मंत्र को,
    सब जन मिलकर अपनाओ,
    विश्व तंबाकू निषेध दिवस की,
    सार्थकता चरितार्थ करके दिखलाओ।।


    अमिता गुप्ता

    क्यूं बने हैं अनजान

    छोड़ो सभी तम्बाकू
       ये तो ले लेगी जान
      सब जानकर फिर
    क्यूं बने है अनजान ??


    तम्बाकू हानिकारक है
    यह सब जन जानते
    तम्बाकू का सब जन
    सेवन करते क्यूं नहीं मानते
    तम्बाकू एक नशीला पदार्थ
    इसका बुरा है परिणाम 
    छोड़ो सभी तम्बाकू
    ये तो ले लेगी जान
    सब जन जानकर 
    क्यूं बने हैं अनजान ।


    गुटके संग खाते तम्बाकू
    स्मोकिंग भी करते धासूं
    दूध दही घी को भी  छोड़े
    ना खाते फल मेवा काजू
    युवा पीढ़ी का तो क्या कहना
    युवाओं का स्मोकिंग पर अधिक रुझान
    छोड़ो सभी तम्बाकू
    ये तो ले लेगी जान
    सब जन जानकर
    क्यूं बने हैं अनजान ।


    करके तम्बाकू सेवन
    फेफड़ों में
    इंफेक्शन बढ़ा रहे
    लीवर कैंसर, मुहं  कैंसर इरेक्टाइल संग
    डिप्रेशन भी बढ़ा रहे
    शरीर को दिन पर दिन
    पहुंचाते नुकसान 
    छोड़ो सभी तम्बाकू
    ये तो ले लेगी जान
    सब जन जान कर
    क्यूं बने हैं अनजान ।


    आज मनाएंगे
    तम्बाकू निषेध दिवस
    लोगों को जागरूक कर
    तम्बाकू छोड़ने को करे विवश
    खत्म कर ‘तम्बाकू रूपी
    बुराई ‘को
    मिटायेंगे लोगों के
    जीवन का तमस्
    तंबाकू निषेध दिवस
    मना कर सफल करे अभियान 
    ‘एकता’ इतना कहना चाहे
    छोड़ तम्बाकू  सुधार लो
    अपना भविष्य और वर्तमान ।।
           

    एकता गुप्ता

    जानलेवा जहर है तम्बाकू

    बड़ा होना सब तम्बाकू के बिना।
    स्वस्थ रहो सब तम्बाकू के बिना।।
    मौत के मूँह मे धकेले व्यक्ति को
    मारक धुआं मारता है दूसरों को
    ऐसा जानलेवा जहर है तम्बाकू।।

    तम्बाकू पीता है आनंद के लिए
    कैंसर जैसी बीमारियों के लिए
    जब बड़ों को नशे का सेवन करते देखके
    बच्चे भी….हाँ बच्चे भी….
    आगे चलके करने लगे नशे का सेवन
    ऐसा जानलेवा जहर है तम्बाकू।।

    बीमारी है तम्बाकू का असली चेहरा
    जानो जिसको, हत्यारा होता है जैसा
    छोड़ दो तम्बाकू , छोड़ दो ये आदत
    जियो जिन्दगी सब नशा के बिना
    बडा होना सब तम्बाकू के बिना।।

    अगर तम्बाकू का सेवन करना छोड़ दो
    सकारात्मक बदलाव शुरू होते है शरीर में
    सामान्य रहता है ब्लड प्रेशर
    कम होता है दिल संबंधी बीमारियों का खतरा
    स्वस्थ रहो सब तम्बाकू के बिना।।

    आओ तम्बाकू मुक्त अभियान चलायें
    तम्बाकू को कभी भी हाथ न लगायें
    हम सबका यही हो सपना….
    रहे तम्बाकू मुक्त देश अपना….

    बीना .एम  केरल

    विश्व तम्बाकू निषेध दिवस परकविता

    तम्बाकू एक ऐसा है नशा ।
    बिगड़े जिससे घर की ‌दशा।

    तम्बाकू जानलेवा ,सभी पढ़ते ।
    फिर भी क्यों इसका सेवन करते।

    तम्बाकू की हरेक पत्तियां ।
    लाती हैं घर में विपत्तियां ।


    तम्बाकू से मिटता सुख चैन ।
    अब तो होना चाहिए इसे बैन।


    तम्बाकू को त्याग कर सेहत बनाइए,
    स्वयं बचिए , और पैसे भी बचाइए।


    प्रियांशी जी‌ का सबसे अनुरोध है,
    तम्बाकू पर अब लगाना प्रतिरोध है।

    तम्बाकू त्यागने वाले के हम साथ है।
    छोड़ोगे तब जानें, तुममें भी कुछ बात है।

    प्रियांशी मिश्रा

    तंबाकू मीठा जहर

    नशा नाश की जड़ बने, याद रखो यह बात।
    बर्बादी तन – मन करे, बने नहीं सौगात ।। 1

    जो नर करता नित्य ही , तंबाकू उपभोग ।
    उनको कैंसर स्ट्रोक मुँह , दिल का होता रोग ।।2

    क्यों जीवन में कश लगा, धुआँ उड़ाते रोज।
    मौत बुलाकर पास में, खोते जीवन ओज।।3

    तंबाकू मीठा जहर, खाते वृद्ध जवान ।
    शनैः शनैः यह आदमी , की ले लेता जान ।।4

    जो बीड़ी सिगरेट का, करता निशदिन पान ।
    रक्तचाप बढ़ता दमा , तन होता बेजान ।।5

    गुटखा सस्ता सा नशा , बनते विष का घोल।
    नशा स्वाद खातिर मनुज , खोते तन अनमोल।।6

    तंबाकू बनता नहीं, कभी हमारा मित्र।
    क्यों खाते हो देखकर , खतरा कैंसर चित्र।।7

    नशा मूल को छोड़ने, करो नित्य ही योग।
    तन मन होगा शुद्ध सब , काया बने निरोग।।8

    तंबाकू सेवन करे, मौत बुलाए पास।
    अपने पीछे छोड़कर , रहतें सदा उदास।।9

    क्लेश मिटाकर गेह से, सुदृढ़ करो अनुराग।
    कहे सदा ही पर्वणी, नर तंबाकू त्याग ।।10

    पद्मा साहू पर्वणी,

    तम्बाकू सेवन छोड़ो


    तम्बाकू सेवन में,
    क्यूँ इतनें मग्न हुए?
    हुआ नशा से नाश,
    नाश से नग्न हुए.
    तम्बाकू सेवन ने छीना,
    ईश्वर आशीर्वाद.
    तम्बाकू सेवन से ही,
    जीवन हुआ बर्बाद.
    ऐसे बुरे नशे से,
    मुंह अपना मोड़ो.
    तम्बाकू सेवन छोड़ो,
    तम्बाकू सेवन छोड़ो.



    तम्बाकू ने छीनीं जानें,
    इतने हम फिर हुए बिवस.
    तम्बाकू छोड़ो सब,
    है तम्बाकू निषेध दिवस.
    तम्बाकू ही भयंकर,
    मौत का जाल है.
    तम्बाकू सेवन छोड़ो,
    ये भयंकर काल है.
    ऐसे बुरे नशे से,
    मुंह अपना मोड़ो.
    तम्बाकू सेवन छोड़ो,
    तम्बाकू सेवन छोड़ो.



    तम्बाकू से पुत्र गए,
    और किसी के गए पिता.
    तम्बाकू सेवन से,
    जवानी में जली चिता.
    नारियों अब तुम भी,
    तम्बाकू सेवन छोड़ दो.
    तम्बाकू सेवन इस धरा से,
    सिर सहित अब फोड़ दो.
    ऐसे बुरे नशे से,
    मुंह अपना मोड़ो.
    तम्बाकू सेवन छोड़ो,
    तम्बाकू सेवन छोड़ो.

    कवि विशाल श्रीवास्तव

    विनाशकारी तंबाकू

    तंबाकू पान गुटका शराब ,
    तन मन को करे पूरा खराब।
    रोगों से जूझते उम्र भर लोग,
    परिवार को करे पूरा बर्बाद।

    खाने वाले कहते है ,
    तंबाकू से आता बड़ा मजा।
    कैंसर जैसे घातक रोगों से घिरकर,
    मिलता भयंकर कड़ा सजा।

    तंबाकू का नशा न जाने,
    निगल गया कितने घर बार।
    तन मन जीवन नष्ट करके,
    फूंक दिए घर -घर में आग।

    तंबाकू गुटका खैनी, न जाने,
    कितने बीमारियों को बुलाता है?
    फेफड़े को जलाकर, न जाने,
    कितनो को सुलाता है?


    तंबाकू के सेवन करने से ,
    पूरा तन मन जलता है।
    जिंदगी तबाह करने के लिए,
    न जाने ये क्यों बनता है?

    तंबाकू के सेवन करने में,
    कितने घर हो गए बर्बाद ?
    उत्पादक और विक्रेता,देखो
    कितने हो गए आबाद?

    तंबाकू को मत खाना ,कभी
    तबाही को मत बुलाना कभी।
    नशा नाश का जड़ है यारो,
    परिवार को मत रुलाना कभी।

    जीवन रूपी सागर में,
    नशा का जहर मत घोलो।
    अनुपम और अनमोल जीवन को,
    नशा के दलदल में मत धकेलो।

    तंबाकू खाना छोडोगे, तो
    दांत भी मोती-सा चमकेंगे।
    तन मन स्वस्थ रहेगा हरपल,
    चेहरा भी चंदा-सा दमकेंगे।

    तंबाकू,गुटका,सिगरेट,शराब से,
    न जाने, कितने परिवार जला है?
    तंबाकू सेवन से अब तक यारो,
    किसका हुआ भला है?

    महदीप जंघेल

    तंबाकू जीवन को घातक

    तंबाकू जीवन को घातक, फिर क्यों लोग इसे अपनाएँ।
    कई तरह से इसका सेवन, करके अपनी तलब मिटाएँ।।

    बीड़ी हों या सिगरेटों में,तंबाकू कितने पी जाते।
    जर्दा या खैनी को भी अब, बड़े चाव से लोग चबाते ।।
    पानों में भी तंबाकू को, कितने लोग यहाँ पर खाते।
    और मित्र बनकर कितनों को, वे हैं इसका स्वाद चखाते।।

    मिलता जो आनन्द बने लत, तंबाकू को छोड़ न पाएँ ।
    दुष्प्रभाव जब इसका होता, फिर तो जीवन भर पछताएँ।।

    आज तीसरे नम्बर पर है, तंबाकू भारत में होती ।
    इसीलिए तो खपत भी यहाँ, बहुत अधिक पीड़ा को बोती।।
    कितने घर परिवार बिलखते, दुनिया अपनों को ही खोती।
    जब इलाज को रहे न पैसा, आँसू गिरते बनकर मोती।।

    तंबाकू ने आज बदल दीं, युवा वर्ग की यहां दिशाएँ।
    लड़के और लड़कियाँ दोनों, सिगरेटों का धुआँ उड़ाएँ।।

    मुख, खाने की नलिका या फिर,श्वसन तंत्र में जो हो जाता।
    तंबाकू से जनित कैंसर, लोगों को फिर बहुत सताता।।
    पाचन तंत्र ऊपरी हिस्सा, भी इससे है क्षति को पाता।
    धूम्रपान से निकोटीन तो, हृदय रोग को खूब बढ़ाता ।।

    तंबाकू के विक्रय पर अब, सरकारें प्रतिबन्ध लगाएँ।
    स्वस्थ रहें सब यही कामना, खुशहाली जीवन में लाएँ।।

    उपमेन्द्र सक्सेना एड.

    अब तम्बाकू न खाएंगे


    पैकेट पर लिखा चेतावनी, लोगों ने पढ़ा|
    फिर भी खाया,और कैंसर रोग आगे बढ़ा |

    क्यों तम्बाकू नहीं छोड़ते,क्यों रोगों से नहीं डरतेॽ

    नासमझ हैं जो खरीदते ,जानते हुए भी इसे लेते|

    लोग तम्बाकू खाते, मानो रोगों को दावत देते|
    रुपयों को बर्बादी से, अपनों के परेशानी बढ़ाते |

    सरकार को दोष देंगे, क्यों तम्बाकू बैन नहीं करते|
    खुद छोड़कर इसे, क्यों तम्बाकू बैन नहीं समझते|

    तम्बाकू न खायेंगे तो, दांत भी साफ चमकेगा|
    रुपयों की बचत होगी ,अच्छे काम में लगेगा|

    मेरी कविता का ये अनुरोध , इस तम्बाकू का विरोध।
    अब तम्बाकू न खाएंगे, बस रोगों से निजात पाएंगे|


    -शिवांशी यादव

    तम्बाकू रहित जीवन

    क्या ये वही मानव है?
    जो वन्यप्राणी से बेहतर है।
    जिसे ज्ञात है अपनी,
    सही आहार-विहार ?
    जो जानता है अपना
    नफा या नुकसान ।
    मेधस तंत्र सुविकसित है
    के बावजूद,
    है जो व्यसन के आदी।
    वही करेगा नित प्रतिदिन,
    समय-धन की बर्बादी ।।
    गुटखा सिगरेट और बीड़ी ।
    यह सब हैं मौत के सीढ़ी ।
    तंबाकू में  है नशा जहर ,
    जिसका सेहत पर बुरा असर।
    फेफड़ा, हृदय को घात करे
    और पैदा करे दमा, कैंसर।
    यह जान के भी,
    जो बनता है अनजान ।
    उसे समझ लेना,
    आज का बिगड़ा इंसान।
    हो जाओ सावधान !
    ये लत नहीं समझदारी ।
    क्यों तुला है तबाह करने?
    तेरी बची जिन्दगी सारी।
    जानवर भी,
    तंबाकू को मुंह न लगाए।
    मानव इसे चबाकर
    देखो,झूठी शान दिखाये।
    ओ देश के प्रहरी !
    तंबाकू रहित जीवन 
    सेहत के लिए वरदान ।
    आओ विरोध करें,
    तंबाकू सेवन का
    मिलजुल बनाएं देश महान।

    मनीभाई ‘नवरत्न’, छत्तीसगढ़

  • बंद करो तुम आतंकवाद- अशोक शर्मा (आतंकवाद विरोधी दिवस कविता)

    बंद करो तुम आतंकवाद- अशोक शर्मा (आतंकवाद विरोधी दिवस कविता)

    कविता संग्रह
    कविता संग्रह


    मानव से मानव का झगड़ा,
    बढ़ रहा है कितना तगड़ा।
    हो रहे हैं नरसंहार,
    देश देश से अत्याचार ।

    मर रहा मानव दोष क्या,
    ऐसा है नर में जोश क्या,
    उन्नति का कैसा आस होता।
    जिसमें मानव विनाश होता।

    सीमाओं का झगड़ा बंद करो,
    आपस का रगड़ा बंद करो,
    दो गज भर मिट्टी की खातिर,
    जाँ लेने में ना बनो शातिर।

    शांति की बातें शांति से,
    हर बात करो मत क्रांति से,
    चुपके से तुम ना वार करो
    मानवता ना शर्मशार करो।

    जो समझे तुम्हें मित्र अपना
    रखो जवाँ मित्रता का सपना।
    पीठ में ना खंजर वार करो,
    मर्यादा ना तार तार करो।

    छवि तेरी ना हो कहीं दुर्बल,
    कहीं छीन ना जाये तेरा संबल
    प्रेम से यारी का हाथ मिलाओ
    विश्व पटल पर मान बढ़ाओ।

    विनास कर क्या करोगे तुम,
    करनी अपनी भरोगे तुम।
    हर जाँ का मूल्य समझना होगा,
    यह घृणित कार्य रुकना होगा।

    सरहदों पर ताना तानी है ,
    खून में सनती जवानी है।
    हो रहे हैं वतन बरबाद ,
    बंद करो तुम आतंकवाद।
    बंद करो तुम आतंकवाद।।



    ●◆●अशोक शर्मा●◆●

  • तंबाकू निषेध दिवस पर लेख – शशांक गर्ग

    तंबाकू निषेध दिवस पर लेख -शशांक गर्ग


    “तम्बाकू स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। भारत में अधिकतर लोग तम्बाकू का सेवन करते है। आयेदिन लोगो को पान की दुकान और सार्वजनिक जगहों पर तम्बाकू , गुटखा जैसे नशीले वस्तुओं का सेवन करते हुए दिख जाएंगे। तम्बाकू से कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। आज देश के कई हिस्सों में तम्बाकू सेवन, बिक्री और खरीद पर प्रतिबन्ध लगा रहा है। “

    तम्बाकू निषेध
    31 May – World No Tobacco Day||31 मई विश्व तंबाकू निषेध दिवस


    धूम्रपान करने पर इतने प्रतिबन्ध नहीं लगाए जा रहे जितने तम्बाकू के खरीद और बिक्री पर लगाए जा रहे है। धूम्रपान करने वालो पर भी सख्ती सरकार को करनी चाहिए। कैंसर कई बीमारियों में से एक है जो तम्बाकू सेवन से लोगो के जीवन में दस्तक दे सकते हैं। यदि लोग धूम्रपान करते हैं, तो उन्हें संभावित रूप से फेफड़ों का कैंसर हो सकता हैं। लोग चबाने वाले तंबाकू खाते है। कुछ लोग तम्बाकू को निगल लेते है या सूंघते हुए पाए जाते हैं।

    तम्बाकू मुंह या घुटकी के कैंसर का कारण बन सकता है। इन जानलेवा बीमारियों के साथ, तंबाकू के सेवन से क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), उच्च रक्तचाप और समय से पहले दिल का दौरा पड़ने की संभावनाएं बढ़ जाती है। तम्बाकू और उत्पाद के साथ आने वाले कार्सिनोजेन्स भविष्य में कई स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं।

    लोग धूम्रपान करते हैं या चबाने वाले तंबाकू का सेवन करते है। इससे मसूड़ों की बीमारी हो सकती है। इसका मतलब है कि आपके मसूड़े और दाँत इन उत्पादों से खराब हो जाते हैं। तम्बाकू में निकोटिन होता है जो स्वास्थ्य के लिए बुरा होता है। तम्बाकू शरीर के जिन भी हिस्सों में जाता है वहां कैंसर हो जाता है जैसे मुंह , होंठ और फेफड़ो का कैंसर। ज़्यादातर सिगरेट में तम्बाकू और निकोटिन जैसे पदार्थ होते है। महिलाएं गर्भावस्था में धूम्रपान या तम्बाकू सेवन अगर करती है तो यह उसके और उसके अजन्मे बच्चे के लिए खतरनाक है। इससे बच्चा कमजोर पैदा होता है और उसका वजन भी कम हो जाता है। ….

    धन्यवाद ,

    आपका अपना – ( शशांक गर्ग )

  • आतंकवाद विरोध दिवस पर कविता -अकिल खान

    21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या के बाद ही 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया गया। इस दिन हर सरकारी कार्यालयों, सरकारी उपक्रमों और अन्य सरकारी संस्थानों में आतंकवाद विरोधी शपथ दिलाई जाती है।

    tiranga
    21 May Anti-Terrorism Day||1 मई आतंकवाद विरोधी दिवस

    आतंकवाद विरोध दिवस पर कविता -अकिल खान


    कहाँ कब क्या हो जाए ये कोई नहीं जानता,
    कारण आतंकवाद के लोग अब एक दुसरे से है पनाह माँगता।
    अशांति भय – डर और आतंक इस संगठन की है बुराई,
    करेंगे खात्मा विश्व से इस राक्षस का,

    लड़ेंगे हम आतंकवाद से लड़ाई।

    अनपढ़- ज्ञानी सभी लोग हैं इसमें शामिल,
    भरते जहर दिमाग में अपने बच्चों के,

    बनाते उनको आतंकवाद के काबिल।
    न कोई धर्म है न कोई इसका है जात,
    लेकर हथियार अपने साथ फिरते झाड़ – जंगल पात – पात।
    करते छल- कपट विश्वासघात ये,

    क्यों करें हम इनकी भलाई,
    करेंगे खात्मा विश्व से इस राक्षस का,

    लड़ेंगे हम आतंकवाद से लड़ाई।

    सत्य की जीत हो अधर्म का हो नाश,
    इन दहशतगर्दों का हम करेंगे विनाश।
    युवा पढ़ेगा इतिहास गढ़ेगा,
    आतंकियों के मंसूबों से लड़ेगा।
    नई तकनीकों ने, उपद्रवियों का नींदे है चुराई,
    करेंगे खात्मा विश्व से इस राक्षस का,

    लड़ेंगे हम आतंकवाद से लड़ाई।

    सैन्य शक्ति के कारण आतंकवादी
    मारे – फिरते नदी नाले- गली,
    मारकर इन भेड़ियों को हो गए शहीद,

    वीर- सैनिकों को सलाम – विनम्र श्रद्धांजलि।
    अशांत विश्व को देख, युवा शांति का है गीत गाई,
    खुनी- मंजर देख विश्व का,

    युवा के बाजुओं में है ताकत आई,
    करेंगे खात्मा विश्व से इस राक्षस का,

    लड़ेंगे हम आतंकवाद से लड़ाई।



    -अकिल खान रायगढ़ जिला – रायगढ़ (छ. ग.) पिन – 496440.

  • जल के बिना मरना हर पल है – प्रियांशी मिश्रा

    जल या पानी एक आम रासायनिक पदार्थ है जिसका अणु दो हाइड्रोजन परमाणु और एक ऑक्सीजन परमाणु से बना है – H2O। यह सारे प्राणियों के जीवन का आधार है। आमतौर पर जल शब्द का प्रयोग द्रव अवस्था के लिए उपयोग में लाया जाता है पर यह ठोस अवस्था (बर्फ) और गैसीय अवस्था (भाप या जल वाष्प) में भी पाया जाता है। पानी जल-आत्मीय सतहों पर तरल-क्रिस्टल के रूप में भी पाया जाता है।

    जल पर कविता
    22 मार्च विश्व जल दिवस 22 March World Water Day

    जल के बिना मरना हर पल है- प्रियांशी मिश्रा

    जल है तो बेहतर कल है,
    जल के बिना मरना हर पल है।
    जल है तो जीवन जीना भी सम्भव है ‌,
    जल के बिना सब कुछ असम्भव है।
    जल है तो बेहतर कल है,
    जल के बिना मरना हर पल है।

    जल संचय करना भी जरूरी है,
    जल के बिना जिन्दगी अधूरी है।
    जल से ही तो हरी -भरी खेती है,
    जिससे किसान की रोजी-रोटी है।
    जल है तो बेहतर कल है,
    जल के बिना मरना हर पल है।

    जल से भरती नदियां और सागर है,
    जल से ही भरें महासागर है ‌।
    जल की हर बूंद का होता एक अर्थ है,
    जल को नहीं करना हमें व्यर्थ है।
    जल है तो बेहतर कल है,
    जल के बिना मरना हर पल है।

    जल है तो अनाज और फल है,
    जल से ही तो हमारा आज और कल है।
    जल से बुझती सबकी प्यास है,
    जल के बिना टूटती सबकी आस है।
    जल है तो बेहतर कल है,
    जल के बिना मरना हर पल है।

    जल से ही तो पूरा संसार है,
    जल के बिना पृथ्वी पर विपदा अपार है।
    जल को बचाना है, यही मन में ठाना है।
    जानवरों को नदियों में नहीं नहलाना है,

    जल ही जीवन है सबको बताना है।
    जल को व्यर्थ में नहीं बहाना है।
    खुद भी समझना है, और दूसरो को भी समझाना है।
    जल है तो बेहतर कल है,
    जल के बिना मरना हर पल है ।


    प्रियांशी मिश्रा