गुलाब पुष्प पर कविता – हिमांशु शेखर

प्रस्तुत कविता "गुलाब नहीं है पुष्प आज" 22 सितंबर राष्ट्रीय गुलाब दिवस पर लिखी गई है।

गुलाब नहीं है पुष्प आज – हिमांशु शेखर

कवि: डॉ हिमांशु शेखर

ये प्रेम प्रतीक, इश्क आज,
प्रेमी का है ये अश्क आज,
उपयोगी ना है मुश्क आज,
करना ना कोई रश्क आज,
गुलाब नहीं है पुष्प आज।

कोमलता के इतने भक्षक,
दिखते सबमें केवल तक्षक,
है खार बना इसका रक्षक,
कांटों से ही ये चुस्त आज,
गुलाब नहीं है पुष्प आज।

है स्वेद रक्त ये माली का,
तितली से पाए लाली का,
भौरों की हर बदहाली का,
इसमें केवल है रक्त आज,
गुलाब नहीं है पुष्प आज।

गुलकंद खाद्य विचित्र बने,
इसकी सुगंध से इत्र बने,
ऊर्जा इसकी चरित्र बने,
मनमोहक है ये सत्व आज,
गुलाब नहीं है पुष्प आज।

प्रेमी दिल की है धड़कन,
ये प्रेम पत्र सा आकर्षण,
प्रेमी के चेहरे का दर्शन,
प्रेमी गली की गश्त आज,
गुलाब नहीं है पुष्प आज।

है पुष्पगुच्छ में मूल यही,
कर देता ये हर भूल सही,
गलती सारी बन धूल बही,
गलतफहमियां नष्ट आज,
गुलाब नहीं है पुष्प आज।

कवि: डॉ हिमांशु शेखर
बंगला 05, नेकलेस एरिया,
आर्मामेंट कालोनी, पाषाण,
पुणे – 411021, भारत।
मोबाइल: 919422004678
ई-मेल : himanshudrdo@rediffmail.com

No comments yet

  1. फूलों में गुलाब का जो स्थान है वह सदा से लोकप्रिय, सदाबहार फूल की तरह रहा है। इसका उपयोग बच्चे, बूढ़े और जवान सभी बिल्कुल एक समान तन्मयता से करते हैं। यही गुलाब की विशेषता है। मगर इसके सुंदरता को कायम रखने में कांटो का बहुत बड़ा योगदान है जो इस गुलाब को रक्षा देता है। अपने गुणों के कारण गुलाब संपूर्ण विश्व में सबसे लोकप्रिय है।
    हमारे कवि हिमांशु शेखर जी भी गुलाब की तरह एक पुष्प हैं। छात्र जीवन में भी यह काफी मशहूर थे। नौकरी जीवन में भी इनकी ख्याति दूर-दूर तक फैल रही है। यही गुलाब के फूल का भी मकसद है- इस जहां में, तुम जहां भी रहो, जैसे भी रहो, मुस्कुराते रहो।
    जीवन जो भी पाया है,
    वह कम नहीं है ।
    और
    जो भी खोया है, उसका गम नहीं है।
    गुलाब की तरह ही हमें अपने कर्मों से दूसरों को सुख पहुंचाना है। जब तक तुम सुख पहुंचाते रहोगे, तब तक तुम पूजे जाओगे।
    उसके बाद हमें भी गुलाब की तरह फेंक दिया जाएगा। यही जीवन का सत्य है। जो आज है वह कल नहीं। फिर एक नया गुलाब आएगा। फिर एक नई फेसबुक फिजा में लौट आएगी।
    धन्यवाद।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *