प्रेरणा दायक कविता – तुझको विजय-पराजय से क्या?

प्रेरणा दायक कविता

प्रेरणा दायक कविता – तुझको विजय-पराजय से क्या?


चल तू अपनी राह पथिक चल, तुझको विजय-पराजय से क्या?
होने दे होता है जो कुछ, उस होने का फिर निर्णय क्या?


भँवर उठ रहे हैं सागर में, मेघ उमड़ते हैं अम्बर में।
आँधी और तूफान डगर में।
तुझको तो केवल चलना है, चलना ही है तो फिर भय क्या?
तुझको विजय पराजय से क्या? चल तू अपनी राह …..


अरे थक गया क्यों बढ़ता चल, उठ संघर्षों से लड़ता चल।
जीवन विषम पंथ चलता चल।
अड़ा हिमालय हो यदि आगे, चढूँ कि लौ, यह संशय क्या?


तुझको विजय पराजय से क्या? चल तू अपनी राह
होने दे होता है जो कुछ, उस होने का फिर निर्णय क्या?

प्रेरणा दायक कविता

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *