वतन का नमक इस जहां से सुकून,हमने कभी पाया तो हैचमन का कोई गुल,हिस्से मेरे आया तो है लफ़्ज मेरे लड़खड़ाये,सामने तूफां पाकरफिर भी तरन्नुम में , गीत कोई गाया…
मोहब्बत पर गीत मोहब्बत जन्म से कुदरत के कण कण में समाई है।मोहब्बत पीर पैगम्बर सूफियों की बनाई है।।कोई शक्ति मिटा पायी नहीं जड़ से मोहब्बत को,मोहब्बत देवताओं से अमर …
हम कहाँ गुम हो गये हम कहाँ गुम हो गयेमोह पाश में हम बंधे,नयनों मे ऐसे खो गये।रही नहीं हमको खबर,हम कहाँ गुम हो गये।।इंद्र धनुष था आँखों में,रंगीन सपनों…
नज़र की नज़र से नज़र की नज़र से मुलाक़ात होगीहज़ारों सवालों की बरसात होगीबयाँ हर सबब हिज़्र का वो करेंगेकि हर बेगुनाही की इस्बात होगीसर-ए-राह हमसे जताना न उल्फ़तगिरेंगे जो…
गीत नवगीत लिखें ग़ज़ल रुबाई या फिर कविता, भले गीत नवगीत लिखें। मन के भाव पिरोते जायें, जैसा करें प्रतीत लिखें। देख बदलते अंबर के रँग, काव्य तूलिका सदा चले।छाया…
अंतरात्मा पर कविता मेरा संबंध तुमसेअंतरात्मा का है।हाँ बाहृा जगत मेंहम पृथक ही सही,न दिखे ये रिश्ताजग में कहींमन का जुड़ावमन से तो है ।मेरा संबंध तुमनेअंतरात्मा का है।भू से…