जलती धरती /रितु झा वत्स

Hindi Poem Collection on Kavita Bahar

“जलती धरती” नामक कविता, जिसे रितु झा वत्स द्वारा रचा गया है, एक व्यक्तिगत अनुभव को अभिव्यक्ति देती है। इस कविता में, रचनाकार ने जलती धरती के माध्यम से मानव जीवन के अनेक पहलुओं को व्यक्त किया है। धरती की गर्मी, उसकी आत्मा को दहला देती है, जो हमें अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक करती … Read more

जलती धरती/ आशा बैजल

पर्यावरण की रक्षा

आशा बैजल की जलती धरती नामक हिंदी कविता में विभिन्न भावनाओं और संवेदनाओं को समाहित है। “जलती धरती” एक कविता है जो धरती की संताप और विपदाओं को बयान करती है। “जलती धरती” में, कविताकार धरती के विभिन्न प्राकृतिक विपदाओं की चर्चा करते हैं, जैसे कि वन जलन, भूकंप, बाढ़, और वायु प्रदूषण। यह कविता … Read more

पशु-पक्षियों की करुण पुकार

पशु-पक्षियों की करुण पुकार

पशु-पक्षी हमारे मित्र होते है। उन्हें प्यार,दुलार देना एवं उनकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है । लेकिन हम मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए उन्हें मार देते है।हमे ये नही भूलना चाहिए कि पर्यावरण का संतुलन बनाने में उनका अहम योगदान होता है।यदि उनकी क्षति होती है ,तो हम भी नही बच पाएंगे। इस कविता के माध्यम से मूक प्राणियों की करुण पुकार है।

छत्तीसगढ़ शासकीय भवनों के नाम

छत्तीसगढ़ शासकीय भवनों के नाम

छत्तीसगढ़ शासकीय भवनों के नाम ये नाम छत्तीसगढ़ी हरे हैं ।है स्वाद मीठे रस से भरे हैं ।।जानो सभा आज विधान के हैं ।देवी ” मिनीमातु ” सियान से हैं ।। अध्यक्ष के धाम बने सियासी ।” संवेदना ” है गृह के निवासी ।।ये गेह मंत्रालय हैं सुहाते ।आमोद ” कल्याण निवास ” भाते ।। … Read more

जलती धरती / भावना मोहन विधानी

JALATI DHARATI

जलती धरती / भावना मोहन विधानी वृक्ष होते हैं धरती का सुंदर गहना,हरियाली के रूप में धरा ने इसे पहनाहरे भरे वृक्षों को काट दिया मनुष्य ने,मनुष्य की क्रूरता का क्या कहना?तेज गर्मी से जलती जा रही धरती,अंदर ही अंदर वह आहे हैं भरती,कौन सुनेगा अब पुकार उसकीमनुष्य जाति उसके लिए कुछ नहीं करती।पेड़ों को … Read more